अपने हक के लिए जंतर-मंतर पर जुटे देश भर के मनरेगा मजदूर, भुगतान में देरी को लेकर प्रदर्शन

विपिन

सरकार पर 1 अगस्त, 2022 तक मजदूरी, सामग्री और प्रशासनिक खर्चों सहित 4,419 करोड़ रुपये बकाया है।
मजदूरों के यूनियन ने कहा कि मनरेगा बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पिछले वर्षों की लंबित देनदारियों के भुगतान के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे बजट चालू वित्तीय वर्ष के लिए पूरी तरह से अपर्याप्त रहता है।
मनरेगा मजदूरों के संगठन ने इस बारे में बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-23 में मनरेगा के लिए आवंटित धन का 66.44% पहले ही समाप्त कर चुकी है।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर मनरेगा मजदूरों का यह आंदोलन 2 से 4 अगस्त तक चलेगा।
वेतन का भुगतान करने में अत्यधिक देरी से मनरेगा मजदूरों में निराशा है।