उत्तर प्रदेशः फाइनेंसर के गुर्गों ने ट्रक मालिक को किया आग के हवाले, कोरोना संकट में किस्त नहीं भर पाया था

ट्रक पर पिता के साथ मौजूद श्यामानंद ने बताया कि जब उन्होंने फाइनेंसर के एजेंट को कोरोना महामारी के दौरान किस्त भुगतान में सरकार द्वारा दी गई छूट के प्रावधान का उल्लेख किया, तो एजेंटों ने जाने की अनुमति दे दी। लेकिन आगे जाकर ट्रक को फिर से रोक दिया।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

उत्तर प्रदेश में एक ट्रक मालिक को किस्त न जमा करने पर आग के हवाले किये जाने की घटना सामने आई है। घटना घनश्यामपुर की है, जहां जौनपुर जिले के एक फाइनांसर के गुर्गों ने ट्रक मालिक सत्य प्रकाश राय (51) द्वारा किस्तों का भुगतान नहीं किये जाने पर उसे आग के हवाले कर दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने दो आरोपियों को खदेड़ कर पकड़ लिया, जबकि बाकी आरोपी भाग खड़े हुए। वहीं पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना के बारे में बदलापुर के थाना प्रभारी (एसओ) श्रीजेश यादव ने बताया कि दो हमलावरों को पुलिस हिरासत में लिया गया है, वहीं राय को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बदलापुर एसओ ने कहा कि दोनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और मामले में आगे की जांच उनके पूछताछ के आधार पर की जा रही है।

ट्रक पर पिता के साथ मौजूद राय के बेटे श्यामानंद ने बताया कि वे मध्य प्रदेश के रीवा से कंक्रीट लोड करके आजमगढ़ लौट रहे थे। जब उनका ट्रक बदलापुर से गुजर रहा था, तो कुछ कार सवार लोगों ने उन्हें रोका और खुद को फाइनेंसर का एजेंट बताने के बाद उन्होंने ट्रक खरीदने के लिए राय द्वारा बीते पांच महीने पहले लिए गए ऋण की मासिक किस्त का भुगतान नहीं करने का कारण जानना चाहा।

श्यामानंद ने आगे बताया कि जब उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान किस्तों को चुकाने में सरकार द्वारा दी गई छूट के प्रावधान का उल्लेख किया, तो एजेंटों ने पहले उन्हें जाने की अनुमति दे दी। हालांकि, उन्होंने घनश्यामपुर क्षेत्र से गुजरने पर ट्रक को फिर से रोक दिया। श्यामानंद ने कहा कि वह केबिन में बैठा था और उसके पिता एजेंटों से बात करने के लिए नीचे उतरे, तभी उन्होंने अचानक अपने पिता की चीखने की आवाज सुनी।

श्यामानंद ने कहा, "मैंने देखा कि मेरे पिता आग की लपटों से घिरे हुए थे और मैं उनको बचाने के लिए ट्रक के केबिन से एक कंबल लेकर भागा, जबकि स्थानीय लोग उन एजेंटों का पीछा करने लगे। उनमें से दो को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया, जबकि अन्य दो अपनी कार में भागने में सफल रहे।" राय को पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

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