वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी है देश की आर्थिक मंदी का एहसास! तभी कर रही हैं जी-20 की बात

लोकसभा में सोमवार को सरकार ने आर्थिक मंदी को लेकर हुए एक सवाल के जवाब में जीडीपी गिरने की बात तो स्वीकार की, मगर साथ ही यह भी कहा कि भारत जी-20 में सबसे तेज दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा में सोमवार को सरकार ने आर्थिक मंदी को लेकर हुए एक सवाल के जवाब में जीडीपी गिरने की बात तो स्वीकार की, मगर साथ ही यह भी कहा कि भारत जी-20 में सबसे तेज दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लिखित जवाब में कहा, “2014-19 के दौरान औसत जीडीपी वृद्धि 7.5 प्रतिशत थी, जो कि जी-20 देशों में सर्वाधिक है। वर्ष 2019 के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) ने वैश्विक उत्पादन और व्यापार में अच्छी-खासी मंदी का अनुमान लगाया है। फिर भी हाल में जीडीपी में कुछ कमी के बावजूद डब्ल्यूईओ के अनुमान के अनुसार भारत जी-20 देशों में सबसे तेज दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।”

वित्त मंत्री ने अपने जवाब में जो उल्लेख किया है उससे तो यह साफ है कि वो देश की वास्तविक आर्थिक स्थिति से अवतगत हैें,लेकिन उसे छुपाने के लिए जी-20 देशों के जीडीपी का जिक्र कर रही हैं। उन्हें भी पता है कि जी-20 देशों और भारत की जीडीपी में कितना फर्क है और इस फर्क को जीडीपी के आंकड़ों से नहीं पाटा जा सकता।


दरअसल, सांसद एन.के. प्रेम चंद्रन ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार ने आर्थिक मंदी के कारणों, विदेशी व्यापार समझौते या जीएसटी से इसके कनेक्शन की कोई पड़ताल की है? उन्होंने यह भी पूछा था कि मंदी से निपटने के लिए क्या सरकार आर्थिक नीतियों में परिवर्तन करेगी?

निर्मला ने बताया कि देश की जीडीपी वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए सरकार अर्थव्यवस्था में संतुलित स्तर की निश्चित निवेश दर, कम निजी उपभोग दर और नियार्त को बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

वित्तमंत्री ने बताया कि विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में जीएसटी के बाद भारत की रैंकिंग 2018 के 77 के बदले 2019 में 63 हो गई। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वषोर्ं में निवेश का माहौल बनाने के लिए सरकार ने कई सुधार किए हैं, ताकि भारत पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था वाला देश बन सके। उन्होंने बताया कि निवेश के लिए माहौल बनाने के लिए हाल ही में कारपोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दी गई।

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Published: 18 Nov 2019, 10:00 PM