यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने CM योगी को लिखा पत्र, कहा- किसानों की गेहूं खरीद का भुगतान न होना आपदा के समय धोखा

अजय कुमार ने पत्र में लिखा है कि “कोरोना महामारी के इस दौर में किसानों के गेहूं की अभी तक पूरी खरीदारी नहीं हुई और खरीदारी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शर्त से किसानों को बहुत दिक्कत हो रही है। इसका सरलीकरण किया जाए, क्योंकि मोबाइल द्वारा पंजीकरण करा पाना हर किसान के लिए संभव नहीं है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष ने भी कोरोना संकट के बीच देशभर में चल रहे लॉकडाउन के चलते गरीबों को हो रही परेशानी पर चिंता जाहिर की है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि किसानों की गेहूं खरीद का भुगतान नहीं हो पा रहा है। आपदा के समय यह धोखा है। इस समस्या पर सरकार तुरंत ध्यान दे।

अजय कुमार ने पत्र में लिखा है कि "कोरोना महामारी के इस दौर में किसानों के गेहूं की अभी तक पूरी खरीदारी नहीं हुई और खरीदारी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शर्त से किसानों को बहुत दिक्कत हो रही है। इसका सरलीकरण किया जाए, क्योंकि मोबाइल द्वारा पंजीकरण करा पाना हर किसान के लिए संभव नहीं है। किसानों की गेहूं खरीद का भुगतान नहीं हो पा रहा है। यह उनके साथ आपदा के समय में धोखा है। इस पर सरकार ध्यान देकर तुरंत भुगतान कराए।"

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में यह भी मांग की कि ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से बर्बाद हुए किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा और दैविक आपदा से जिन लोगों की मृत्यु हो गई, उनके परिजनों को यथाशीघ्र उचित राहत व अनुदान दिया जाना चाहिए। इससे पहले बुधवार को ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारी, किसानों, संविदा कर्मियों और दस्तकारों के लिए अहम सुझाव दिए हैं।

महासचिव ने पत्र में लिखा है कि जैसा आप जानते हैं कोरोना महामारी से पूरा जनजीवन प्रभावित है। हर वर्ग के ऊपर भयंकर आर्थिक मार पड़ी है। किसान, गरीब और मजदूर वर्ग विकट स्थिति में पहुंच गए हैं। आर्थिक संकट ने मध्य वर्ग और सामान्य नौकरीपेशा लोगों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। कारोबारी और व्यापारी वर्ग के ऊपर अस्तित्व बचाने का संकट खड़ा हो गया है। इन वर्गों की मदद करना अनिवार्य हो गया है। इस संदर्भ में आपको मैं कुछ सुझाव भेज रही हूँ। आशा है आपकी सरकार इन पर ध्यान देगी और जल्द ही निर्णय लेगी।


उत्तर प्रदेश की प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि शिक्षा और घर के लोन का खर्च मध्य वर्ग की आर्थिक बुनावट का एक बड़ा हिस्सा होता है। आपको ज्ञात है कि मध्य वर्ग इस आर्थिक संकट से कितना प्रभावित है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की फीसमाफी की घोषणा उनके लिए एक बड़ी राहत होगी। ऐसे समय में जब एक तरफ छटनी हो रही है और तनख़्वाहों में कटौती हो रही है मध्य वर्ग के लिए घर के लोन की EMI चुकाना एक बड़ी चुनौती बन गया है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि मुझे लोगों से लगातार संदेश आ रहे हैं कि इस संदर्भ में सरकार को मध्य वर्ग की मदद के लिए आगे आना चाहिए। मेरा सुझाव है कि घर के लोन पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य (0%) कर दिया जाय व EMI जमा करने की बाध्यता को अगले छः महीनों के लिए स्थगित किया जाए। इसके अलावा प्रियंका ने किसानों की परेशानी को लेकर भी चिंता जाहिर करते हुए उनके बिजली बिल को 4 महीने तक माफ करने का सुझाव भी दिया है।

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