हरियाणा में एक नई इबारत लिख रही भारत जोड़ा यात्रा, हिंदुस्‍तानियत के हर रंग को समेटे भारी संख्या में जुड़ रहे लोग

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हरियाणा में इंद्रधनुषी रंग समेटे अपने सफर पर बढ़ रही है। इंद्रा गांधी की तस्‍वीर हाथ में लिए यात्रा में शामिल छोटी बच्‍ची जिया परमार की बातें अपने में अनगिनत आयाम समेटे होने की तस्‍दीक करती हैं।

करनाल के घरौंडा में यात्रा के स्‍वागत में झंडों-बैनरों और स्‍थानीय लोगों से पटा पूरा मार्ग
करनाल के घरौंडा में यात्रा के स्‍वागत में झंडों-बैनरों और स्‍थानीय लोगों से पटा पूरा मार्ग
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एक नई इबारत लिख रही है। यात्रा में वह सारे रंग हैं, जो हिंदुस्‍तानियत के जज्‍बे को साकार करते हैं। देश प्रेम से ओतप्रोत रंग दे बसंती गीत के बीच हजारों की तादाद में सड़क के दोनों और खड़े लोग इस यात्रा के बड़े मकसद पर मोहर लगाते हुए दिखते हैं। कोई सामाजिक भाईचारे की बात कर रहा है, तो कोई इस तरह की यात्राएं देश के लिए अनिवार्य बता रहा है। खिलाड़ी, कलाकार, छात्र, कारोबारी से लेकर कामगार तक हर शख्‍स इस यात्रा में सहभागी बनकर अपनी आहुति डालता दिख रहा है।  

भीषण ठंड के बीच हरियाणा के करनाल में भारत जोड़ो यात्रा का इंतजार करते लोग।
भीषण ठंड के बीच हरियाणा के करनाल में भारत जोड़ो यात्रा का इंतजार करते लोग।

कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हरियाणा में इंद्रधनुषी रंग समेटे अपने सफर पर बढ़ रही है। इंद्रा गांधी की तस्‍वीर हाथ में लिए यात्रा में शामिल छोटी बच्‍ची जिया परमार की बातें अपने में अनगिनत आयाम समेटे होने की तस्‍दीक करती हैं। अपने 3 छोटे भाइयों के साथ भोपाल से यात्रा में चल रही जिया बेशक उम्र में मासूम बच्‍ची है, लेकिन उसके संकल्‍प बड़े हैं। जिया कहती है कि वह अपनी परीक्षाएं छोड़कर यात्रा में चल रही है। परीक्षाएं जरूरी होने के सवाल पर वह कहती है कि यह यात्रा तो बार-बार नहीं होगी। जब इतना बड़ा इंसान देश के लिए पैदल सड़कों पर चल रहा है तो हमें भी क्‍यों नहीं चलना चाहिए। साथ में ही खड़ा उसका भाई जतिन परमार भी अपनी बहन से सहमति जताता है। भीषड़ ठंड भी इन बच्‍चों के हौंसलों के सामने मानो पस्‍त हो गई है।

इंद्रा गांधी की तस्‍वीर लिए भारत जोड़ो यात्रा के साथ चल रही अपने तीन भाइयों के साथ भोपाल से आई छोटी बच्‍ची जिया परमार
इंद्रा गांधी की तस्‍वीर लिए भारत जोड़ो यात्रा के साथ चल रही अपने तीन भाइयों के साथ भोपाल से आई छोटी बच्‍ची जिया परमार

आंध्र प्रदेश के नेल्‍लोर से साइकिल पर यात्रा के साथ चल रहे श्रीनिवासलू कहते हैं कि इंद्रा गांधी की जयंती पर 19 नवंबर को निकले थे। अभी तक वह 2500 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से कर चुके हैं। वह कहते हैं कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी इस देश का हिस्‍सा हैं। जब तक सभी में सामाजिक भाईचारा नहीं होगा तो देश कैसे चलेगा। देश में सामाजिक सद्भाव के लिए वह इस यात्रा में आए हैं। कश्‍मीर तक साइकिल से ही जाने के लिए वह अडिग हैं।

अब तक 2500 किलोमीटर का सफर कर चुके आंध्र प्रदेश से साइकिल पर यात्रा के साथ चल रहे श्री निवासलू
अब तक 2500 किलोमीटर का सफर कर चुके आंध्र प्रदेश से साइकिल पर यात्रा के साथ चल रहे श्री निवासलू

करनाल के घरौंडा में राकेश कहते हैं कि जाति की दीवारें समाज में खड़ी कर दी गई हैं। समाज में दरार डालने वाले लोग तो अपना स्‍वार्थ पूरा होने पर चले जाते हैं, लेकिन अपने पीछे वह इतनी खटास छोड़ जाते हैं कि पड़ोसी एक दूसरे के दुश्‍मन बन जाते हैं। लिहाजा, इस तरह की यात्राएं देश के लिए आवश्‍यक हैं।

बसों की छतों में खड़े होकर भारत जोड़ो यात्रा का स्‍वागत कर रहे लोग
बसों की छतों में खड़े होकर भारत जोड़ो यात्रा का स्‍वागत कर रहे लोग

पानीपत के रेलवे रोड पर चाय की दुकान चलाने वाले महेंद्र कपूर कहते हैं कि राहुल गांधी सही तो कह रहे हैं। रोजगार खत्‍म हो गए। महंगाई से जीना मुश्किल हो गया। सिलेंडर 1100 रुपये का हो गया। यह सरकार तो 5 किलो अनाज देने के नाम पर हमारी ही जूती हमारे सिर मार रही है। राहुल गांधी वोट की बात नहीं कर रहे। वह इस सरकार ने जनता को कैसे धोखा दिया, यह सच्‍चाई बता रहे हैं। पहले की सरकार में कम से कम रोजी-रोटी तो चलती थी।

बैंड-बाजों की धुनों के बीच अपने मार्ग पर आगे बढ़ती भारत जोड़ा यात्रा
बैंड-बाजों की धुनों के बीच अपने मार्ग पर आगे बढ़ती भारत जोड़ा यात्रा

यात्रा में शामिल हर शख्‍स का अपना दर्द है। सरकारों से नाराजगी है और आंखों में भविष्‍य के सपने हैं। यात्रा के रास्‍ते में हर गली, चौराहे, हाईवे में लोगों का हुजूम है। घरों की छतों में लोग खड़े हैं। यात्रा के रास्‍ते में बैंड-बाजे बज रहे हैं तो कहीं पारंपरिक वाद्य यंत्रों की खनक है। करनाल के कंबोपुरा गांव में एक अलग ही समा था। राहुल गांधी के लिए यहां हरियाणा और पंजाब के खिलाडि़यों के बीच कबड्डी मैच का आयोजन किया गया था। एक स्‍टेडियम जैसा नजारा था। देश को सोने के तमगे दिलाने की खान माने जाने वाले हरियाणा के जज्‍बे की मानो यह स्‍टेडियम नुमाइंदगी कर रहा था। यहां लोगों का शोर और उत्‍साह एक अलग रंग बिखेर रहा था।

करनाल के कंबोपुरा गांव में भारत जोड़ो यात्रा के स्‍वागत में पंजाब-हरियाणा के खिलाडि़यों के बीच हुआ कबड्डी मैच
करनाल के कंबोपुरा गांव में भारत जोड़ो यात्रा के स्‍वागत में पंजाब-हरियाणा के खिलाडि़यों के बीच हुआ कबड्डी मैच

हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा के तीसरे दिन करनाल जिले में करीब 24 किलोमीटर का सफर पूरा करने वाले राहुल गांधी में एक उम्‍मीद की किरण देख रहे लोग यह कयास भी लगाते दिखे कि कहीं यह एक नई इबारत का आगाज तो नहीं है, जो बदलाव की वाहक बनेगी।

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