देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले, जानें बिहार में क्या है हाल
बिहार सरकार कोरोना वायरस के खतरे और संक्रमण से बचाव को लेकर पूरी तरह सतर्क है। सरकार इस खतरे से बचाव के लिए कई एहतियाती फैसले लिए हैं। सरकारी कार्यालयों में ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मियों को आल्टरनेट डे यानी एक दिन छोड़ कर बुलाने का आदेश जारी किया गया है।
बिहार सरकार कोरोना वायरस के खतरे और संक्रमण से बचाव को लेकर पूरी तरह सतर्क है। सरकार इस खतरे से बचाव के लिए कई एहतियाती फैसले लिए हैं। शुक्रवार को जहां राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, सिनेमा घर, पार्क बंद किए गए, वहीं सरकारी कार्यालयों में ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मियों को आल्टरनेट डे यानी एक दिन छोड़ कर बुलाने का आदेश जारी किया गया है। हालांकि अभी तक बिहार में एक भी कोरोनावायरस का मामला पॉजिटिव नहीं हुआ है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सभी विभागाध्यक्ष ऐसी व्यवस्था करेंगे कि उनके कार्यालय में कर्मियों का एकसाथ जुटना नहीं हो सके। इसके तहत ग्रुप सी और डी के कर्मियों को आल्टरनेट डे (एक दिन छोड़कर) कार्यालय आने का निर्देश दिया जाए।
इसके अलावा, भारत-नेपाल सीमा पर कोरोनावायरस के संक्रमण की जांच की व्यवस्था और सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया है। फिलहाल यह व्यवस्था 31 मार्च तक लागू होगी। उसके बाद फिर से स्थिति की समीक्षा कर आगे के आदेश निर्गत किए जाएंगे।
इस बीच, बिहार में अब तक 57 संदिग्धों की जांच कराई गई है, परंतु एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है। बिहार स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से अब तक कोरोना से पीड़ित देशों से लौटे कुल 274 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) पर रखा गया है, जिसमें से 86 लोगों को 14 दिनों की निगरानी बाद छुट्टी दे दी गई।
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