‘मध्य प्रदेश में शहरों से गांव की तरफ बढ़ रहा COVID-19, सूबे के 45 से अधिक जिले कोरोना की चपेट में’

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राज्य मे कोरोना महामारी के बढ़ते दायरे पर चिंता जताई और कहा कि मरीजों को निजी अस्पतालों में बेहतर इलाज न मिल पाना चिंता को और भी बढ़ाने वाला है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राज्य मे कोरोना महामारी के बढ़ते दायरे पर चिंता जताई और कहा कि मरीजों को निजी अस्पतालों में बेहतर इलाज न मिल पाना चिंता को और भी बढ़ाने वाला है।

कमल नाथ ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, "प्रदेश में लॉकडाउन के पहले दिन 24 मार्च तक कोरोना संक्रमण के मात्र चार मरीज थे और लॉकडाउन तीन की समाप्ति पर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 5000 के करीब पहुंच चुका है, मौतों का आंकड़ा 250 के करीब पहुंच चुका है। प्रदेश के 45 से अधिक जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, 100 से अधिक गांव कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अब यह महामारी शहरों से गांव की ओर भी निरंतर बढ़ती जा रही है।"

राज्य में बढ़ते बीमारों के आंकड़ों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए कमल नाथ ने कहा, "ये सारे आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। जिस हिसाब से प्रदेश के अंदर कोरोना महामारी का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, उस हिसाब से आज भी स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने की आवश्यकता है। आज भी पीपीई किट से लेकर मास्क और अन्य सुरक्षा संसाधनों के अभाव में कोरोना वारियर्स प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं। जिस हिसाब से कोरोना के संक्रमण के आंकड़े प्रतिदिन बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से प्रदेश में आज भी वेंटिलेटर से लेकर अन्य आवश्यक मेडिकल उपकरणों का अभाव है।"

उन्होंने कहा, "आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 75,000 लोगों पर एक वेंटीलेटर है और 47,000 लोगों पर एक आईसीयू बेड की उपलब्धता है। प्रदेश के 10 जिले ऐसे हैं, जहां पर निजी अस्पतालों तक में एक भी वेंटिलेटर नहीं है। वहीं करीब 10 जिलों में कुल वेंटिलेटर की संख्या पांच भी नहीं है। प्रदेश के भोपाल-इंदौर-जबलपुर जैसे शहरों में भी इस महामारी के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए आवश्यकता अनुसार इनकी कमी है।"

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, "आज भी निजी अस्पतालों में आम मरीजों को इलाज नहीं उपलब्ध हो पा रहा है, वहीं कोरोना मरीजों से भी भारी भरकम बिल वसूले जा रहे हैं। इन पर सरकार का अभी तक कोई नियंत्रण नहीं है। आज भी प्रदेश में लोगों को दूध-दवाई और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, वही शराब की आपूर्ति सरकार द्वारा करा दी गई है। मंदिर-मस्जिद -गुरुद्वारे और अन्य सभी धार्मिक स्थल बंद हैं, वहीं शराब की दुकानें चालू हैं।"

उन्होंने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने में कांग्रेस का साथ देने का वादा करते हुए कहा कि कोरोना की इस लड़ाई में सरकार के साथ कांग्रेस पूरी तरह से खड़ी है। प्रदेश के लाखों कांग्रेसजन इस महामारी में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

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