चारा घोटाला मामले में लालू यादव की सजा पर बहस पूरी, 6 जनवरी को आएगा फैसला

चारा घोटाला मामले में रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट में लालू यादव की सजा पर बहस पूरी हो चुकी है। 6 जनवरी को दोपहर बाद अदालत लालू यादव समेत सभी दोषियों की सजा पर फैसला सुनाएगी।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट में चारा घोटाले के मामले में लालू प्रसाद यादव की सजा पर फैसला एक बार फिर टल गया है। लालू यादव की सजा पर बहस पूरी हो चुकी है। जज शिवपाल सिंह 6 जनवरी को दोपहर 2 बजे के बाद फैसला सुनाएंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनाया जाएगा। लालू यादव के वकील ने सुनवाई के दौरान उनकी खराब सेहत का हवाला दिया और कम से कम सजा की मांग की।

इस मामले के सभी 16 अभिुक्तों को अदालत में पेश किया गया, जहां सभी की सजा की अवधि पर उनके वकीलों ने बहस की।

क्या है चारा घोटाला

संयुक्त बिहार का चर्चित चारा घोटाला सरकारी खजाने से 900 करोड़ रुपए को गलत तरीके से निकालने का है। पशुपालन विभाग से जुड़े इस घोटाले में विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने राजनीतिक मिली-भगत के साथ अवैध तरीके से अलग-अलग कोषागारों से रुपये की निकासी की गई थी और जांच के बाद यह घोटाला सामने आया। शुरुआत छोटे-मोटे मामलों के खुलासे से शुरू होते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तक जा पहुंची। मामला बढ़ते-बढ़ते 900 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा।

1994 में गुमला, रांची, पटना, डोरंडा और लोहरदग्गा समेत कई जिला कोषागारों से फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपए की कथित अवैध निकासी का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सरकारी कोषागार और पशुपालन विभाग के कई कर्मचारियों, ठेकेदारों और सप्लायरों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद इस मामले में अलग अलग जिलों में करीब दर्जन भर आपराधिक मामले दर्ज किए गए। इसके कुछ दिनों बाद घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई जांच में सामने आया कि पशुओं के चारे, दवा आदि की सप्लाई के नाम पर अधिकारियों ने वर्षों तक कोषागारों से करोड़ों रुपए के फर्जी बिल भुनाए।

सीबीआई ने कहा था कि उसके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री को न सिर्फ इस मामले की पूरी जानकारी थी बल्कि उन्होंने खुद राज्य के वित्त मंत्रालय के प्रभारी के रूप में कई बार इन निकासियों की अनुमति दी थी। सीबीआई जांच शुरू होने के बाद चारा घोटाला मामले में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुईं और छापे पड़े। सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया, जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल जाना पड़ा। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत लेनी पड़ी।

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