मित्रों के लिए तारे तक तोड़कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे, राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला

राहुल गांधी ने कहा कि जहां सरकार विज्ञापनों में लाखों करोड़ खर्च कर रही है, पीएम के लिए नए विमान खरीद रही है और उद्योगपति मित्रों को टैक्स में छूट दे रही है, वहीं देश के बुजुर्गों को रेल टिकट में रियायत देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये नहीं हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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रवि प्रकाश @raviprakash24

मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को बड़ा झटका देते हुए रेल टिकट में मिलने वाले रियायत को खत्म कर दिया है। सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रस के साथ-साथ बीजेपी नेता भी दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि जहां सरकार विज्ञापनों में लाखों करोड़ खर्च कर रही है, पीएम के लिए नए विमान खरीद रही है और उद्योगपति मित्रों को टैक्स में छूट दे रही है, वहीं देश के बुजुर्गों को रेल टिकट में रियायत देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये नहीं हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मित्रों के लिए तारे तक तोड़ कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "विज्ञापनों का खर्च: ₹911 Cr, नया हवाई जहाज: ₹8,400 Cr, पूंजीपति मित्रों के टैक्स में छूट: ₹1,45,000 Cr/साल, लेकिन सरकार के पास बुजुर्गों को रेल टिकट में छूट देने के लिए ₹1500 करोड़ नहीं हैं। मित्रों के लिए तारे तक तोड़ कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे।


बीजेपी नेता और पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाए उठाए हैं। उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा, "रेल किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को खत्म करना दुर्भाग्यपूर्ण है। जब सांसदों को रेल किराए में मिलने वाली सब्सिडी जारी है तब देश के बुजुर्गों को मिलने वाली राहत हमें ‘बोझ’ लगने लगी? उम्र के आखिरी पड़ाव पर अपने लोगों का साथ छोड़ देना असंवेदनशीलता है। पुनर्विचार हो।"

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने बुधवार को संसद में यह बताया था कि रेल टिकट में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाले रियायत को दोबारा शुरू नहीं करेगी। सरकार ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायती ट्रेन टिकट "वांछनीय नहीं है"। लोकसभा में एक लिखित जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "रियायतें देने में रेलवे को भारी कीमत चुकानी पड़ती है। इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए रियायतों का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है।"

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