कोरोना का असर: अगले कुछ महीनों में 3 करोड़ से भी ज्यादा लोगों की हो सकती है मौत, इन 10 देशों को सबसे ज्यादा खतरा: UN

WFP के प्रमुख डेविड बेस्ले ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में 13.50 से 25 करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं। डेविड बेस्ले का कहना है कि पूरी दुनिया को तबाही से बचाने के लिए सभी देशों को एकसाथ मिलकर तत्काल एक्शन लेने की जरूरत है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोना वायरस ने हर तरीके से नुकसान पहुंचाया है। कई लाख लोगों की जान चली गई वहीं कई करोड़ लोगों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। कोरोना वायरस की वजह से चीन और अमेरिका जैसे बड़े बड़े देशों की आर्थिक हालात खराब हुए हैं और जीडीपी में गिरावट आई है। वहीं गरीब देशों में तो खाने का संकट उत्पन्न हो गया है और कई जगहों पर भविष्य में पैदा हो सकती है। इससे पूरी दुनिया को भुखमरी यानी अकाल का सामना करना पड़ सकता है। यह चेतावनी दी है संयुक्त राष्ट्र यानी यूनाइटेड नेशंस के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के प्रमुख ने।

WFP के प्रमुख डेविड बेस्ले ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में 13.50 से 25 करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं। डेविड बेस्ले का कहना है कि पूरी दुनिया को तबाही से बचाने के लिए सभी देशों को एकसाथ मिलकर तत्काल एक्शन लेने की जरूरत है। डेविड बेस्ले ने कहा है कि सबसे ज्यादा दिक्कत यमन, कांगो, अफगानिस्तान, वेनेजुएला, इथियोपिया, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया, नाइजीरिया और हैती जैसे देशों में है। ये देश संघर्ष, आर्थिक संकट और जलवायु परिवर्तन से लगातार जूझ रहे हैं। वहीं अब कोरोना ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है।

डेविड ने कहा कि WFP ने चौथी वार्षिक ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण सूडान में 61% आबादी पिछले साल खाद्य संकट से प्रभावित थी। महामारी से पहले भी, पूर्वी अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में पहले से ही सूखे के कारण गंभीर खाद्य कमी देखी गई है। डेविड बेस्ले ये बातें एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कह रहे थे। बेस्ले ने कहा कि दुनिया को बुद्धिमानी और तेजी से काम करना है। क्योंकि हमारे पास समय नहीं है। हमें कई योजनाओं को एकसाथ चलाकर कोविड-19 महामारी से आने वाले संकट को रोकना है।


डेविड बेस्ले ने आगे अभी और भंयकर स्थिति पैदा होने की आशंका जताई है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि अगर सुंयक्त राष्ट्र और अधिक धन और भोजन सुरक्षित नहीं करता तो आने वाले अगले कुछ महीनों में 3 करोड़ से भी ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है। डेविड बेस्ले ने कहा कि दिक्कत ये भी है कि जो देश दान दे सकते हैं वो खुद भी इस समय कोरोना वायरस की चपेट में हैं। वे खुद एक भयानक आर्थिक परिस्थिति से गुजर रहे हैं। डब्ल्यूएफपी के वरिष्ठ अर्थशास्त्री आरिफ हुसैन का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी का आर्थिक प्रभाव संभावित रूप से लाखों लोगों पर पड़ने वाला है। ये ऐसे लोग हैं जो रोज कमाकर खाने वालों में से हैं। इस दौरान लॉकडाउन से उनकी कमाई पर गहरा उसर पड़ा है।

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Published: 22 Apr 2020, 3:03 PM