दुनिया की खबरें: ट्रंप ने कहा- भारत जाना चाहते हैं तो जाएं, लेकिन... और कीव पर ड्रोन और मिसाइलों से भीषण हमला
ट्रंप ने शुक्रवार को कहा ‘‘...लेकिन टिम (कुक) के साथ मेरी सहमति थी कि वह ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह संयंत्र बनाने के लिए भारत जा रहे हैं। मैंने कहा, ‘‘भारत जाना है, तो ठीक है लेकिन आप शुल्क के बिना यहां बिक्री नहीं कर पाएंगे’ और ऐसा ही है।’’

मेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि एप्पल यदि भारत में संयंत्र लगाना चाहता है तो ठीक है लेकिन ऐसा करने पर प्रौद्योगिकी क्षेत्र की यह कंपनी बिना शुल्क के अमेरिका में अपने उत्पाद नहीं बेच पाएगी।
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब उन्होंने अमेरिकी परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अपने कार्यालय ‘ओवल ऑफिस’ में कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए।
ट्रंप ने शुक्रवार को कहा ‘‘...लेकिन टिम (कुक) के साथ मेरी सहमति थी कि वह ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह संयंत्र बनाने के लिए भारत जा रहे हैं। मैंने कहा, ‘‘भारत जाना है, तो ठीक है लेकिन आप शुल्क के बिना यहां बिक्री नहीं कर पाएंगे’ और ऐसा ही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आईफोन के बारे में बात कर रहे हैं। अगर वे इसे अमेरिका में बेचना चाहते हैं तो मैं चाहता हूं कि इसे अमेरिका में ही बनाया जाए।’’
ट्रंप ने इससे पहले शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका में बेचे जाने वाले एप्पल आईफोन का विनिर्माण अमेरिका में ही किया जाएगा, न कि ‘‘भारत या किसी अन्य स्थान पर।’’
उन्होंने धमकी दी कि अगर कंपनी इसका पालन नहीं करती है तो वह उसके उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे।
ट्रंप ने लिखा, “मैंने बहुत पहले ही एप्पल के टिम कुक को बता दिया था कि अमेरिका में बेचे जाने वाले उनके आईफोन का विनिर्माण यहीं किया जाएगा, न कि भारत में या किसी अन्य स्थान पर। यदि ऐसा नहीं होता है, तो एप्पल को अमेरिका को कम से कम 25 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करना होगा।’’
पिछले सप्ताह ही ट्रंप ने पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के दौरान दोहा में कहा था कि उन्होंने एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) से कहा है कि वह भारत में निर्माण न करें, बल्कि अमेरिका में अपनी विनिर्माण क्षमता विकसित करें।
टिम कुक के नेतृत्व वाली एप्पल कंपनी आईफोन विनिर्माण को चीन से भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है।
कीव पर बड़े हमले के कुछ घंटों बाद रूस, यूक्रेन ने सैकड़ों युद्ध बंदियों की अदला-बदली की
रूस और यूक्रेन ने शनिवार को सैकड़ों युद्ध बंदियों की अदला-बदली की। रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने बताया कि यह अदला-बदली एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जो दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर सहमति नहीं बनने के बावजूद आपसी सहयोग के पहलू को दर्शाता है।
कीव पर बड़े पैमाने पर रूसी ड्रोन और मिसाइल हमले के कुछ घंटों बाद इन कैदियों की अदला-बदली हुई। रूसी ड्रोन व मिसाइल हमले में कम से कम 15 लोग घायल हो गए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को प्रत्येक पक्ष ने 307-307 सैनिकों की अदला-बदली की जबकि एक दिन पहले दोनों देशों ने सैनिकों सहित कुल 390 लोगों को रिहा किया था।
जेलेंस्की ने ‘टेलीग्राम’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, “हमें उम्मीद है कि कल और सैनिक रिहा किये जाएंगे।”
रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसे उम्मीद है कि आदान-प्रदान जारी रहेगा, हालांकि विस्तृत जानकारी नहीं दी।
इससे कुछ घंटों पहले रूस ने यूक्रेन की राजधानी पर ड्रोन और मिसाइलों से भीषण हमला किया, जिसमें कम से कम 15 लोग घायल हो गए।
पूरे शहर में धमाकों की आवाज सुनाई दी और कीव के लोगों को भूमिगत ‘सबवे स्टेशन’ में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
यह हमला ऐसे समय में किया गया, जब कुछ घंटे पहले ही रूस और यूक्रेन के बीच सैकड़ों बंदियों की अदला-बदली की शुरुआत हुई।
इस्तांबुल में पिछले सप्ताह हुई बैठक में दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के पहले चरण में सैनिकों और आम नागरिकों को अदला-बदली के तहत रिहा किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि रूस ने रात भर में यूक्रेन पर 14 बैलिस्टिक मिसाइलों और 250 शाहिद ड्रोन से हमला किया। उन्होंने बताया कि यूक्रेन की सेना ने छह मिसाइलों को मार गिराया और 117 ड्रोन को रोक दिया, जबकि 128 ड्रोन को मार गिराया।
कीव शहर के सैन्य प्रशासन ने कहा कि यह राजधानी पर सबसे बड़े संयुक्त मिसाइल और ड्रोन हमलों में से एक था।
यूक्रेन की राजधानी के कम से कम छह शहरी जिलों में रोकी गई मिसाइलों और ड्रोन का मलबा गिरा। कीव के सैन्य प्रशासन के कार्यवाहक प्रमुख तैमूर तकाचेंको के अनुसार, हमले के बाद छह लोगों को चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता पड़ी और कीव के सोलोमियान्स्की जिले में दो जगहों पर आग लग गई।
प्रशासन ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान ओबोलोन जिले में हुआ, जहां हमले में एक रिहायशी इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है और इस इलाके में कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं।
स्थानीय निवासी यूरी बॉन्डार्चुक ने कहा कि हमेशा की तरह ही हवाई हमले का सायरन बजा और फिर ड्रोन उड़ने लगे तथा कुछ ही क्षणों बाद एक धमाके की आवाज सुनी।
उन्होंने अपने अपार्टमेंट को हुए नुकसान के बारे में कहा, ‘‘बालकनी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, खिड़कियां और दरवाजे भी नष्ट हो गए हैं।’’
हमले से पहले, शहर के महापौर विताली क्लित्स्को ने कीव निवासियों को सचेत किया था कि 20 से अधिक रूसी हमलावर ड्रोन कीव की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमले के दौरान ड्रोन का मलबा कीव के ओबोलोन जिले में एक ‘शॉपिंग मॉल’ और एक रिहायशी इमारत पर गिरा।
रूस ने कीव पर ड्रोन और मिसाइलों से भीषण हमला किया
रूस ने यूक्रेन की राजधानी पर शुक्रवार रात तथा शनिवार तड़के ड्रोन और मिसाइलों से भीषण हमला किया, जिसमें कम से कम 15 लोग घायल हो गए। यूक्रेन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पूरे शहर में विस्फोटों की आवाज सुनाई दी और कीव के अनेक लोगों को भूमिगत ‘सबवे स्टेशन’ में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
यह हमला ऐसे समय में किया गया, जब कुछ घंटे पहले ही रूस और यूक्रेन के बीच सैकड़ों बंदियों की अदला-बदली की शुरुआत हुई।
इस्तांबुल में पिछले सप्ताह हुई बैठक में दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के पहले चरण में सैनिकों और आम नागरिकों को अदला-बदली के तहत रिहा किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि रूस ने रात भर में यूक्रेन पर 14 बैलिस्टिक मिसाइलों और 250 शाहिद ड्रोन से हमला किया। उन्होंने बताया कि यूक्रेन की सेना ने छह मिसाइलों को मार गिराया और 117 ड्रोन को विफल किया, जबकि 128 ड्रोन को मार गिराया।
कीव सिटी सैन्य प्रशासन ने कहा कि यह राजधानी पर सबसे बड़े संयुक्त मिसाइल और ड्रोन हमलों में से एक था।
यूक्रेन की राजधानी के कम से कम छह शहरी जिलों में रोकी गई मिसाइलों और ड्रोन का मलबा गिरा। कीव के सैन्य प्रशासन के कार्यवाहक प्रमुख तैमूर तकाचेंको के अनुसार, हमले के बाद छह लोगों को चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता पड़ी और कीव के सोलोमियान्स्की जिले में दो जगहों पर आग लग गई।
प्रशासन ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान ओबोलोन जिले में हुआ, जहां हमले में एक रिहायशी इमारत को भारी नुकसान पहुंचा है और इस इलाके में कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं।
स्थानीय निवासी यूरी बॉन्डार्चुक ने कहा कि हमेशा की तरह ही हवाई हमले का सायरन बजा और फिर ड्रोन उड़ने लगे तथा कुछ ही क्षणों बाद एक धमाके की आवाज सुनी।
उन्होंने अपने अपार्टमेंट को हुए नुकसान के बारे में कहा, ‘‘बालकनी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, खिड़कियां और दरवाजे भी नष्ट हो गए हैं।’’
हमले से पहले, शहर के मेयर विताली क्लित्स्को ने कीव निवासियों को सचेत किया था कि 20 से अधिक रूसी हमलावर ड्रोन कीव की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमले के दौरान ड्रोन का मलबा कीव के ओबोलोन जिले में एक ‘शॉपिंग मॉल’ और एक रिहायशी इमारत पर गिरा।
रूस और यूक्रेन के बीच एक-एक हजार बंदियों की अदला-बदली होनी है और शुक्रवार को इसका पहला चरण था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि पहले चरण में 390 यूक्रेनी वापस लाए गए तथा सप्ताहांत में और लोगों को रिहा किए जाने की उम्मीद है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने भी उसके (रूस के) इतने ही कैदियों को वापस भेजा है।
यूक्रेन के एक अधिकारी ने बताया कि यह अदला-बदली उत्तरी यूक्रेन में बेलारूस की सीमा पर हुई।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रिहा किए गए रूसियों को चिकित्सा उपचार के लिए बेलारूस ले जाया गया है।
कान फिल्म महोत्सव में बिजली बाधित होने से अफरा-तफरी, यातायात जाम ने बढ़ाई समस्या
दक्षिण-पूर्वी फ्रांस में शनिवार को बड़े पैमाने पर बिजली गुल होने से यातायात बाधित हो गया और कान फिल्म महोत्सव में कुछ समय के लिए कार्यक्रम रुक गए, जबकि इस प्रतिष्ठित समारोह में शीर्ष पुरस्कार वितरित किए जाने थे।
बिजली वितरण कंपनी आरटीई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में बताया कि शनिवार सुबह एक हाई-वोल्टेज लाइन गिर जाने के कारण आल्प्स-मेरीटाइम्स विभाग के अंतर्गत आने वाले करीब 160,000 घरों की बिजली गुल हो गई।
यह समस्या कान के निकट एक विद्युत उपकेंद्र में रात में लगी आग के कुछ घंटों बाद आई, जिससे ग्रिड पहले ही अस्थिर हो गया था।
कान फिल्म महोत्सव के आयोजकों ने पुष्टि की कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने से शनिवार की प्रारंभिक गतिविधियां प्रभावित हुईं। आयोजकों ने बताया कि क्रोइसेट के मुख्य आयोजन स्थल पैलेस डेस फेस्टिवल्स को जनरेटर का इस्तेमाल करना पड़ा।
बयान में कहा गया, ‘‘समापन समारोह सहित सभी निर्धारित कार्यक्रम और ‘स्क्रीनिंग’, योजनानुसार सामान्य परिस्थितियों में आयोजित की जाएंगी।’’
इसमें कहा गया ‘‘ फिलहाल बिजली बाधित होने के कारणों की जानकारी नहीं मिल पाई है। बिजली आपूर्ति को बहाल करने की कोशिश की जा रही है।’’
फिल्म महोत्सव के आयोजकों ने बताया कि आयोजन स्थलों में से एक सिनेम में फिल्म के प्रदर्शन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया।
कान और उसके आसपास के शहर एंटिब्स के कुछ हिस्सों में ट्रैफिक लाइट सुबह 10 बजे के बाद काम करना बंद कर दीं, जिससे शहर में यातायात जाम और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। क्रोइसेट की अधिकांश दुकानें बंद रहीं और स्थानीय खानपान की दुकानें केवल नकद भुगतान स्वीकार किया। कान में ट्रेन सेवा भी बाधित रही।
अधिकारियों ने बताया कि स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने निवासियों से यात्रा के दौरान सतर्क रहने का आग्रह किया।
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया टकराव को ‘कश्मीर में संघर्ष’ बताना गलत : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया टकराव ‘‘कश्मीर में संघर्ष’’ नहीं था और ऐसा कहना पहलगाम हमले को अंजाम देने वालों और पीड़ित को एक ही स्तर पर रखने जैसा होगा।
उन्होंने कहा कि पहलगाम में ‘‘भयावह’’ हमले का उद्देश्य ‘‘डर की भावना पैदा करना’’, जम्मू-कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र को नष्ट करना और ‘‘धार्मिक मतभेद पैदा करना’’ था।
जयशंकर ने शुक्रवार देर शाम बर्लिन में ‘जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ में एक संवाद सत्र के दौरान यह टिप्पणी की।
विदेशमंत्री से ‘‘कश्मीर में संघर्ष के अंतरराष्ट्रीय निहितार्थ’’ के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘सबसे पहले तो, यह कश्मीर में संघर्ष नहीं था, यह एक आतंकी हमला था।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘एक आतंकी हमला, जो एक परिपाटी का हिस्सा है जिसने न केवल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को बल्कि भारत के अन्य हिस्सों को भी निशाना बनाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब आप इसे संघर्ष के रूप में पेश करते हैं, तो आप वास्तव में अपराधी और पीड़ित को, बिना किसी इरादे के, एक ही स्तर पर रख देते हैं।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए यह एक भयावह, विशेष रूप से क्रूर आतंकवादी हमला था क्योंकि इसका मकसद डर की भावना पैदा करना और कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नष्ट करना था।’’
वह नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की अपनी तीन देशों की यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में बर्लिन में थे।
जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में ‘‘आतंकी ठिकानों’’ को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद का जवाब दे रहे थे और जब हम इस तरह के हमले का जवाब देते हैं, तो मुझे लगता है कि इसमें बहुत सारी अंतरराष्ट्रीय समझ थी।’’
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा जारी एक बयान का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि जिन लोगों ने यह (आतंकी हमला) किया है, उन्हें न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘और 7 मई को हमने ठीक यही किया। इसलिए हमने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। और हमारा अभियान आतंकवाद के खिलाफ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब, इस मामले में आतंकवादी पड़ोसी देश में थे, क्योंकि पड़ोसी देश ने कई वर्षों से आतंकवाद को एक तरह के औजार के रूप में इस्तेमाल किया है।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘जब आतंकवाद की बात आती है, तो मुझे लगता है कि आज वस्तुतः कोई भी देश ऐसा नहीं है जो यह कहे कि जो कुछ किया गया है, मैं उसका समर्थन करता हूं या कोई भी देश ऐसा नहीं है जो यह कहे कि जो कुछ किया गया है, मैं उसकी निंदा नहीं करता हूं।’’
जयशंकर ने कहा कि जर्मनी भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के बचाव के अधिकार को मान्यता देता है। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और यूरोप के बीच अधिक सहयोग की भी वकालत की।
उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अपने मुद्दे हैं, सुरक्षा उनमें से एक है। लेकिन मैं वास्तव में एक अलग अवधारणा की ओर इशारा करना चाहूंगा, वह यह है कि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को अधिक विकल्प कैसे प्रदान करें।’’
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