आंकड़े बता रहे हैं, मोदी जी जा रहे हैं, बीजेपी के 60 फीसदी मौजूदा सांसद हार रहे चुनाव!

आजादी के बाद 1951 में देश में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए। इस चुनाव से लेकर अभी तक हुए सभी चुनाव के ट्रेंड को देखें तो करीब 60 फीसदी मौजूदा सांसद दोबारा नहीं जीत पाते हैं। उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पांच चरणों का मतदान समाप्त हो गया है। अब सिर्फ दो चरण के चुनाव रह गए हैं। छठे चरण के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे। जबकि आखिरी चरण के लिए 19 मई को मतदान कराया जाएगा। 23 मई को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। सभी दलों के अपने अपने दावे हैं। लेकिन जमीनी स्थिति और आंकड़ों बता रहे हैं कि मोदी सरकार की विदाई तय है।

आजादी के बाद 1951 में देश में पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए। इस चुनाव से लेकर अभी तक हुए सभी चुनाव के ट्रेंड को देखें तो करीब 60 फीसदी मौजूदा सांसद दोबारा नहीं जीत पाते हैं। उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ता है। आंकड़े बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में हर 5 में से 3 मौजूदा सांसद हार जाते हैं। वहीं नए उम्मीदवारों के जीतने का चांस ज्यादा होते हैं। अब तक हुए 16 लोकसभा चुनाव में 4843 नेता सांसद बने हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 1951 से 2019 के बीच अब तक 4865 नेता सांसद बने, जिसमें से 22 को नामांकित किया गया था। बाकी 4843 चुनाव जीतकर सांसद बने।

वहीं 4843 सांसदों में से 2840 सांसद दोबारा चुनाव नहीं जीत सके। जनता ने करीब 60 फीसदी जीते हुए सांसदों को दोबारा मौका नहीं दिया। वहीं 2003 नेता ऐसे हैं जो दुबारा लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे। हालांकि, इनमें से 50 फीसदी सांसद ऐसे हैं जो तीसरी बार सांसद बनने में नाकाम रहे।

अभी तक हुए सभी लोकसभा चुनाव में यही ट्रेंड देखा गया है। अगर इस बार के चुनाव का परिणाम भी कुछ इसी तरह का रहता है तो देश को नया प्रधानमंत्री मिलना तय है। बता दें कि इस बार बीजेपी अकेले कुल 437 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें से 270 उम्मीदवार वर्तमान में सांसद हैं। ऐसे में अगर अभी तक हुए लोकसभा चुनाव के ट्रेंड को देखें तो बीजेपी के 270 मौजूदा सांसदों में से 162 सांसद चुनाव हार सकते हैं। वहीं 102 मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया गया है। यानी करीब 38 प्रतिशत सांसदों के टिकट काट दिए गए हैं।

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Published: 09 May 2019, 8:00 PM