बिहार में बनेगी महागठबंधन की नई सरकार, 2 बजे होगा शपथ ग्रहण समारोह, नीतीश सीएम..तो तेजस्वी बनेंगे डिप्टी CM

बिहार में एक बार फिर बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर फिर से आरजेडी के साथ सरकार बनाने का ऐलान कर दिया है। नीतीश कुमार का दोपहर दो बजे शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार में बड़ी सियासी हलचल हुई है। सीएम नीतीश कुमार ने एनडीए से गठबंधन तोड़कर आरजेडी के साथ मिलकर फिर से सरकार बनाने का दावा पेश किया है। मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान को सौंपने के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ राजभवन पहुंचकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।

दोनों नेता एक कार में बैठकर राजभवन पहुंचे। उनके अलावा जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार समेत अन्य नेता भी मौजूद थे। आपको बता दें, नीतीश कुमार का दोपहर दो बजे शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है। वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

राजभवन से बाहर निकलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अब सात पार्टी एक साथ मिलकर बिहार का विकास करेंगे, बिहार की सेवा करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न को हंसते हुए टाल दिया। उन्होंने कहा कि छोड़िए यह सब। अपनी ओर से नीतीश कुमार ने कहा, "बिहार के 2020 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद, हमारी पार्टी ने केवल 43 सीटें जीती थीं और मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार नहीं था।

उन्होंने कहा कि जब मैं भाजपा के साथ गठबंधन में शासन कर रहा था, उनके नेता बहुत सी बातें कह रहे थे, जो मुझे अच्छी नहीं लगी। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।" "अब, हम महागठबंधन के साथ सरकार बनाएंगे और हमारे पास 165 विधायकों का समर्थन है। महागठबंधन में 7 राजनीतिक दल शामिल हैं। इसलिए हम बिहार में सात दलों के समर्थन से सरकार चलाएंगे।" उन्होंने कहा, "हमने बिहार में नई सरकार बनाने के लिए राज्यपाल फागू चौहान के समक्ष दावा पेश किया है। हमने उनके सामने 165 विधायकों की सूची भी सौंपी है।"

इधर, राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा जहां रहती है, जिसके साथ रहती है, उसे खत्म करने में लगी रहती है। पंजाब देखिए, महाराष्ट्र देखिए। पूरे उत्तर भारत में अब भाजपा का कोई बड़ा सहयोगी नहीं रहा। देश में अराजकता का माहौल बन रहा है, सांप्रदायिकता फल-फूल रही है, सामाजिक न्याय प्रभावित हो रहा है। अर्थव्यवस्था देख लीजिए, देश की सुरक्षा देख लीजिए।

उन्होंने कहा कि बिहार ने देश को दिशा दिखाने का काम किया है कि जो जनता के लिए लड़ता है, जनता उसे स्वीकार करती है। जनता विकल्प चाहती है। उन्होंने नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ आने पर धन्यवाद दिया। पहले के बयानों, आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमलोग चाचा, भतीजा है। एक परिवार में थोड़ी बहुत लड़ाई होती रहती है।

तेजस्वी ने नीतीश कुमार और महागठबंधन के अन्य नेताओं के साथ राजभवन से लौटने के बाद कहा, "भाजपा जद-यू के खिलाफ साजिश कर रही थी और नीतीश कुमार को कमजोर करने की कोशिश कर रही थी। भाजपा ने महाराष्ट्र और पंजाब में भी ऐसा ही किया और बिहार में जेडी-यू को नष्ट करने के लिए ऐसा ही कर रही थी।

उन्होंने साहसिक निर्णय लिया और एनडीए छोड़ दिया।" "हम समाजवादी लोग हैं और हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं। हम अतीत में जाति आधारित जनगणना जैसे कई मुद्दों पर एकजुट हैं। नीतीश कुमार देश के सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री हैं। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने का निर्णय आगामी लोकसभा चुनाव उनका अपना निर्णय होगा।"

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