कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में की कृषि कानून की वकालत, कहा- हम संशोधन के लिए तैयार, इसका ये मतलब नहीं...
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “तीन कृषि कानूनों में सुधार की बात इन दिनों ज्वलंत मुद्दा है। मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में केंद्रिय कृषि मंत्री ने कहा, “भारत सरकार और नरेंद्र मोदी का नेतृत्व पूरी तरह किसानों के प्रति प्रतिबद्ध है, किसानों के प्रति समर्पित है। किसान आंदोलन के लिए हम लोगों ने उन्हें लगातार सम्माद देने की कोशिश की है। 12 बार सह सम्मान बुलाकर बातचीत की है। एक शब्द ही हमने उनके बार में इधर-उधर नहीं बोला। संवेदनशीलता के साथ विचार किया। लेकिन हमने यह जरूर कहा है। आप प्रावधान में कहा गलती है, हमारा ध्यान आकर्षित करिए। हमने जो उनकी भावना के अंतर्गत, जिन बिंदुओं को चिन्हित किया जा सकता था। उनको भी चिन्हित की और कहा कि लगता है आपको यह शंका है कि APMC खत्म हो जाएगी। हम इसपर विचार करते हैं कि APMC खत्म नहीं होगी। हमने एक के बाद एक उनको प्रस्ताव देने की भी कोशिश की। लेकिन साथ में मैंने यह भी कहा कि अगर हम किसी भी संशोधन के लिए तैयार है इसका मतलब यह नहीं निकालना चाहिए कि किसान कानून में कोई गलती है। लेकिन किसान आंदोलन पर है। पूरे एक राज्य में गलत फहमी का लोग शिकार हैं।”
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “तीन कृषि कानूनों में सुधार की बात इन दिनों ज्वलंत मुद्दा है। मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा। मैंने किसान प्रतिनिधियों से भी यही पूछता रहा कि इन कानूनों में क्या काला है, तकि हम उन्हें ठीक करने की कोशिश करें, लेकिन मुझे वहां भी कोई जवाब नहीं मिला।”
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