टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी पर सीबीआई को झटका, 7 घंटे में कोर्ट से सभी को मिली जमानत

आज गिरफ्तार ममता सरकार के दो मंत्री और एक टीएमसी विधायक के साथ पार्टी के पूर्व नेता सोवन चटर्जी को भी जमानत मिल गई है। चटर्जी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में चले गए थे। लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बीजेपी का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था।

फोटोः IANS
फोटोः IANS
user

नवजीवन डेस्क

बहुचर्चित नारदा स्टिंग केस में आज सीबीआई द्वारा गिरफ्तार चारों टीएमसी नेताओं को सीबीआई की विशेष अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी है। सीबीआई ने सोमवार दिन में ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम और सुब्रत बनर्जी के साथ विधायक मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था, जिसके विरोध में कोलकाता की सड़कों पर हंगामा खड़ा हो गया था। दिन भर चले घटनाक्रम के बाद शाम में सीबीआई की विशेष कोर्ट के जज अनुपम मुखर्जी की अदालत ने चारों नेताओं को जमानत दे दी।

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि सीबीआई इस मामले में कोलकाता हाईकोर्ट जा सकती है। आज गिरफ्तार नेताओं में ममता सरकार के दो वर्तमान मंत्री और एक विधायक के साथ टीएमसी सरकार में पूर्व मंत्री रहे सोवन चटर्जी को भी जमानत मिल गई है। सोवन चटर्जी ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था। लेकिन पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बीजेपी का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था।

इस बीच नारदा स्टिंग मामले में सोमवार को सीबीआई द्वारा टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद बंगाल की राजनीति एक बार फिर गरमा गई। मंत्रियों और नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद सीबीआई के दफ्तर पहुंच गईं और गिरफ्तारी पर विरोध जताते हुए चेतावनी दी कि सीबीआई को उन्हें भी गिरफ्तार करना होगा। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। सीएम ममता सीबीआई दफ्तर में करीब 6 घंटे तक रूकी रहीं।

ममता के सीबीआई दफ्तर पहुंचने की खबर फैलते ही देखते ही देखते सीबीआई दफ्तर के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। तृणमूल कांग्रेस के सैंकड़ों कार्यकर्ता कोलकाता में सीबीआई दफ्तर के बाहर एकत्र हो गए और जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान भीड़ से पत्थरबाजी भी शुरू हो गई, जिसके बाद कोलकाता पुलिस को लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ना पड़ा।


तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी और उसकी केंद्र सरकार की ओर से बदले की कार्रवाई की जा रही है। टीएमसी ने आरोप लगाया कि केंद्र के इशारे पर एजेंसी टीएमसी नेताओं के खिलाफ एक्शन ले रही है और उन्हें परेशान कर रही है। टीएमसी का आरोप है कि राज्यपाल ने मंत्रियों की गिरफ्तारी की मंजूरी गलत तरीके से दी और राज्य सरकार से कोई मशवरा नहीं लिया। इसके साथ ही टीएमसी ने इसी मामले के आरोपी बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किये जाने का मामला भी उठाया।

बता दें कि साल 2016 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारदा स्टिंग ऑपरेशन में कैद हुए रिश्वत मामले ने राज्य की राजनीति को हिलाकर रख दिया था। इसमें कई हाई-प्रोफाइल टीएमसी नेताओं को फर्जी कंपनियों के लिए कैमरे के सामने पैसे लेते हुए दिखाया गया था। स्टिंग ऑपरेशन में आज गिरफ्तार किए गए लोगों के अलावा, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और बीजेपी नेता मुकुल रॉय भी नजर आए थे। 2016 में सामने आए इस मामले में बीते दिनों ही राज्यपाल से जांच करने की इजाजत मिली थी। इसी केस में सीबीआई ने सोमवार को टीएमसी के नेताओं के घर छापेमारी की थी और उन्हें अपने साथ दफ्तर ले गई थी।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia