मनीष सिसोदिया के घर CBI ने 14 घंटे तक की छानबीन, डिप्टी सीएम बोले- ऊपर से दिया जा रहा ऑर्डर, हम किसी से नहीं डरते

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर सुबह जो रेड शुरू हुई थी, वो देर रात तक चली। खबरों की मानें तो जांच के दौरान कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए गए हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

शराब घोटाले केस में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर से 14 घंटे बाद सीबीआई की टीम बाहर निकली। आपको बता दें, सुबह जो रेड शुरू हुई थी, वो देर रात तक चली। खबरों की मानें तो जांच के दौरान कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए गए हैं।

वहीं सीबीआई रेड पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज सुबह सीबीआई की टीम आई। उन्होंने मेरे घर की तलाशी ली और मेरा कंप्यूटर और फोन जब्त कर लिया। मेरे परिवार ने उनका साथ दिया और आगे भी सहयोग करते रहेंगे। हमने कोई भ्रष्टाचार या गलत नहीं किया है। हम चिंतित नहीं है। हम जानते हैं कि सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। ऊपर से ऑर्डर दिए जा रहे हैं। हम किसी से नहीं डरते हैं।

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि हम इमानदारी से काम कर रहे हैं। हमने अस्पताल बनवाए हैं। केंद्र सरकार एजेंसी का जितना दुरूप्रयोग करना चाहे करे। हम लोगों के हिस में अच्चा काम करते रहेंगे। दिल्ली सरकार के अच्छे कामों को रोकने की कोशिश की जा रही है. हमने कुछ गलत नहीं किया है। उन्होंने (सीबीआई ने) मुझे (आगे की पूछताछ के लिए) नहीं बुलाया है। सीबीआई ने मेरा कंप्यूटर, फोन और कुछ फाइलें ले ली हैं

उधर, इस पूरे मामले में सीबीआई ने एक FIR भी दर्ज की है, उसमें मुख्य आरोपी भी मनीष सिसोदिया को बना दिया गया है। आपको बता दें, इस FIR में कुल 15 लोगों के नाम सामने आए हैं, जिसमें सबसे पहले नंबर पर मनीष सिसोदिया का नाम है। उनके अलावा आबकारी अधिकारियों, शराब कंपनी के अधिकारियों, डीलरों के साथ अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। बता दें, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर नई एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी करने का आरोप है।

FIR में और किस किस के नाम?

प्राथमिकी के अनुसार, सिसोदिया के अलावा, सीबीआई ने तत्कालीन आयुक्त, आबकारी, अरवा गोपी कृष्ण, तत्कालीन उपायुक्त, आबकारी, आनंद तिवारी, तत्कालीन सहायक आयुक्त (आबकारी), पंकज भटनागर, मनोरंजन और कार्यक्रम प्रबंधन कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट के निदेशक अमनदीप ढाल, इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू, बड्डी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, महादेव लिकर के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता सनी मारवाह, तीन निजी व्यक्ति अरुण रामचंद्र पिल्लई, अर्जुन पांडे, और दिनेश अरोड़ा और दो निजी फर्म, बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, और महादेव लिकर का नाम है।

सीबीआई की छापेमारी अभी भी सात राज्यों में 21 जगहों पर उस मामले के सिलसिले में जारी है जहां आरोप है कि शराब कारोबारियों को कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की छूट दी गई थी, लाइसेंस धारकों को कथित तौर पर उनकी इच्छा के अनुसार विस्तार दिया गया था, और आबकारी नियमों का उल्लंघन कर नीति बनाई गई थी।

मनीष सिसोदिया के घर CBI ने 14 घंटे तक की छानबीन, डिप्टी सीएम बोले- ऊपर से दिया जा रहा ऑर्डर, हम किसी से नहीं डरते

क्या है पूरा मामला?

मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर की थी। आज तक के मुताबिक मुख्य सचिव ने दो महीने पहले अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में GNCTD एक्ट 1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 के नियमों का उल्लंघन पाया गया था। सिसोदिया पर कोरोना के बहाने लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी का भी आरोप लगाया गया है। खबर है कि टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ किए गए।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia