संकट में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ा जनता की कमाई को लूटना आर्थिक देशद्रोह, पीएम मोदी जवाब देंः कांग्रेस

देश में जारी कोरोना संकट के कारण लागू लॉकडाउन के बीच मोदी सरकार ने मंगलवार रात को पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त टैक्स लगा दिया है। इससे पहले बीजेपी सरकार ने 14 मार्च, 2020 की रात को पेट्रोल और डीजल पर 3 रुपये टैक्स लगाया था।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने करोना संकट से आई विपदा के समय पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने कहा कि विपदा के समय इस प्रकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर देशवासियों की गाढ़ी कमाई को लूटना ‘आर्थिक देशद्रोह’ है। साथ ही कांग्रेस ने सवालों की बौछार करते हुए कहा कि पीएम मोदी खुद सामने आकर 130 करोड़ भारतीयों को जवाब दें।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “आज 130 करोड़ भारतीय कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, रोजी-रोटी की मार झेल रहे हैं, आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और संकट के इस समय में भी जनविरोधी बीजेपी सरकार रात के अंधेरे में देशवासियों के खून-पसीने की कमाई लूटने में लगी है। कच्चे तेल की कीमतें पूरी दुनिया में अपने न्यूनतम स्तर पर हैं। उनका लाभ 130 करोड़ देशवासियों को देने की बजाए मोदी सरकार पेट्रोल और डीज़ल पर निर्दयी तरीके से टैक्स लगाकर मुनाफाखोरी कर रही है।”

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि विपदा के समय इस तरह पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर देशवासियों की गाढ़ी कमाई को लूटना ‘आर्थिक देशद्रोह’ है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस गंभीर संकट काल में पूरी दुनिया की सरकारें जनता की जेब में पैसा डाल रही हैं, पर इसके उलट केंद्र की बीजेपी सरकार देशवासियों से मुनाफाखोरी और जबरन वसूली की हर रोज नई मिसाल पेश कर रही है। उन्होंने पूछा, “देश की जनता का खून चूसकर अपना खजाना भरना कहां तक सही या तर्कसंगत है।”

कांग्रेस नेता ने हाल के दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी का पूरा आंकड़ा देते हुए कहा कि जबरन वसूली की सभी हदें पार करने वाली मोदी सरकार के कड़वे सच को इससे आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने बताया कि 14 मार्च, 2020 की रात को मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 3 रुपये टैक्स लगाया। फिर मंगलवार रात के अंधेरे में लगभग12 बजे एक बार फिर बीजेपी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर क्रमशः 10 रु. और 13 रु. प्रति लीटर का अतिरिक्त टैक्स लगा दिया।यानि मात्र 48 दिन में (14 मार्च से 4 मई के बीच) मोदी सरकार ने डीजल पर 16 रु. प्रति लीटर टैक्स और पेट्रोल पर 13 रु. प्रति लीटर टैक्स बढ़ा दिया। अकेले इस टैक्स बढ़ोतरी से मोदी सरकार जनता की जेब से 1,60,000 करोड़ रु. सालाना लूटेगी।

सुरजेवाला ने आगे कहा कि 26 मई, 2014 को जब पीएम मोदी ने कार्यभार संभाला था तो भारत की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की लागत 108.05 अमेरिकी डॉलर या 6,330.65 रु. प्रति बैरल पड़ती थी। तेल के 1 बैरल में 159 लीटर होते हैं यानि तेल की कीमत थी 39.81 रु. प्रति लीटर (पीआईबी प्रेस रिलीज संलग्नक A1 देखें)।

संकट में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ा जनता की कमाई को लूटना आर्थिक देशद्रोह, पीएम मोदी जवाब देंः कांग्रेस

उन्होंने आगे कहा, “अब 4 मई, 2020 की कीमत के अनुसार भारत की तेल कंपनियों को कच्चे तेल की लागत 23.38 डॉलर या 1772 रु. प्रति बैरल पड़ती है। यानि आज के दिन देश में प्रति लीटर तेल की लागत 11.14 रु. प्रति लीटर है (पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा 5 मई, 2020 को जारी की गई सूचना संलग्नक A2 संलग्न है)। सुरजेवाला ने कहा तो फिर देशवासियों को 11.14 रु. प्रति लीटर वाला तेल 71.26 रु. प्रति लीटर (पेट्रोल) और 69.39 रु. प्रति लीटर (डीजल) क्यों बेचा जा रहा है?”

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कांग्रेस नेता ने मई, 2014 और 5 मई, 2020 को पेट्रोल-डीज़ल पर भारत सरकार द्वारा लिये जा रहे टैक्स का ब्यौरा भी दिया। उन्होंने कहा कि मई, 2014 में डीजल पर केंद्र सरकार द्वारा लिया जा रहा टैक्स 3.56 रु. प्रति लीटर था। लेकिन 5 मई, 2020 को डीजल पर केंद्र सरकार का टैक्स बढ़कर 31.73 रु. प्रति लीटर कर दिया गया है। इस तरह मोदी सरकार ने साढ़े 5 साल में डीजल पर 28.17 रु. प्रति लीटर टैक्स बढ़ा दिया।

इसी तरह सुरजेवाला ने बताया कि मई, 2014 में पेट्रोल पर केंद्र सरकार द्वारा लिया जा रहा टैक्स 9.48 रु. प्रति लीटर था। लेकिन 5 मई, 2020 को पेट्रोल पर केंद्र सरकार का टैक्स 32.98 रु. प्रति लीटर हो गया है। इस तरह मोदी सरकार ने साढ़े 5 साल में पेट्रोल पर टैक्स 23.50 रु. प्रति लीटर बढ़ाया है।

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क्या मोदी सरकार इस मुनाफाखोरी का कारण बताएगी?

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने साल 2014-15 से 2019-20 तक यानि 6 वर्षों में 12 बार पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाकर 130 करोड़ भारतीयों से 17 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं (सबूत संलग्नक A3)। उन्होंने सवाल किया कि इस जबरन वसूली का पैसा आखिर कहां गया, जब जनता को कोई राहत ही नहीं मिली? सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आकर 130 करोड़ भारतीयों को जवाब देना चाहिए।

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