दिल्ली पुलिस पर कोरोना का कहर, महिला डीसीपी की रिपोर्ट पॉजिटिव, अब तक 250 स्टाफ चपेट में 

दिल्ली पुलिस ने हालांकि अब तक करीब तीन महीने के लॉकडाउन की अवधि में कभी भी अपने किसी भी अफसर या जवान के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की अधिकृत जानकारी नहीं दी है। जबकि, महकमे में एक के बाद एक अफसर और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकल कर सामने आते जा रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

दिल्ली पुलिस में ट्रैफिक के एक एएसआई से शुरू हुई कोरोना की घुसपैठ अब रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब तक एक के बाद एक कर दिल्ली पुलिस के एक युवा आईपीएस और महिला एसीपी सहित 250 से ज्यादा कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसके बाद बुधवार शाम को खबर आई कि राजधानी के एक जिले में तैनात एक महिला डीसीपी की कोरोना जांच की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई है। फिलहाल महिला डीसीपी के साथ उनके कांटेक्ट चेन को भी क्वारंटीन कर दिया गया है।

हालांकि, दिल्ली पुलिस ने अब तक करीब तीन महीने के लॉकडाउन की अवधि में कभी भी अपने किसी भी अफसर या जवान के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की अधिकृत जानकारी नहीं दी है। जबकि, महकमे में एक के बाद एक अफसर और कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकल कर सामने आते जा रहे हैं।

अब एक जिले में तैनात महिला डीसीपी के कोरोना पॉजिटिव आने से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। इससे पहले यमुनापार इलाके में एक युवा आईपीएस (2015 बैच) और एक एडिश्नल डीसीपी भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। जबकि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली जिला के भारत नगर थाने में तैनात सिपाही अमित राणा बहुत ही छोटी उम्र में कोरोना के शिकार होकर अपनी जिंदगी खो चुके हैं।

अभी दो दिन पहले ही दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर थाने के 10-11 पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित पाए गए। वहीं, मध्य जिले के चांदनी महल थाने में तो कोरोना पॉजिटिव जवानों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई थी कि, उसका कामकाज तक जामा मस्जिद थाने से चलाना पड़ गया था। खबर तो ये भी है कि निजामुद्दीन मरकज़ मामले की जांच से जुड़ी क्राइम ब्रांच की टीम के कई जवान भी कोरोना पीड़ित हो चुके हैं।

हालांकि इन सबमें सबसे ज्यादा बुरे हाल में है दिल्ली पुलिस की अशोक विहार पुलिस कालोनी। इस कॉलोनी में भी कोरोना दस्तक दे चुका है। अब तक यहां कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस पुलिस कॉलोनी में करीब तीन-चार हजार लोग रहते हैं। ऐसा नहीं है कि, दिल्ली पुलिस ने अपने जवानों और अफसरों की केयर में कोई कोर कसर बाकी रखा है। समस्या यह है कि दिन रात कोरोना से जूझ रहे जवानों को आखिर संक्रमण से बचाकर रखा कैसे जाए, ये किसी को समझ नहीं आ रहा है।

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