महाराष्ट्र में कोरोना के साथ फेक न्यूज-हेट स्पीच के खिलाफ भी मुहिम, अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस का शिकंजा

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फेक न्यूज, अफवाह और हेट स्पीच के खिलाफ सख्त से सख्त संभव कानूनी कार्रवाई की जा रही है। नागरिकों से अपील है कि वो ऐसी गतिविधियों से दूर रहें और इस तरह के संदेशों को फैलाने से तो पूरी तरह बचें।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र सरकार कोरोना वायरस के साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाह, हेट स्पीच और फेक न्यूज के खिलाफ भी सख्त रुख अपनाए हुए है। देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन शुरू होने के बाद से सोशल मीडिया पर फेक न्यूज, अफवाह और हेट स्पीच की बाढ़ आ गई थी। इसके बाद यहां लॉकडाउन में कोरोना के साथ ही पुलिस ने सोशल मीडिया पर फेक न्यूज, अफवाह और हेट स्पीच फैलाने वालों के खिलाफ भी मुहिम छेड़ रखी है।

राज्य में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अब तक सोशल मीडिया पर फेक न्यूज, अफवाह और हेट स्पीच फैलाने के आरोप में 218 केस दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 210 मामले संज्ञेय और 8 गैर संज्ञेय धाराओं में दर्ज हुए हैं। इन मामलों में अब तक 45 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि 160 की पहचान की जा चुकी है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 8 पर सीआरपीसी की धारा 107 के तहत कार्रवाई की गई है। बाकि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

इस बीच बीते 7 दिनों में हेट स्पीच की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। दर्ज केसों में से 115 केस सोशल मीडिया पर हेट स्पीच से जुड़े हैं। जबकि कोरोना को लेकर अफवाह और फेक न्यूज के 75 और दुष्प्रचार के आरोप में 24 केस दर्ज हैं। इनमें से व्हॉट्सएप के जरिये समाजविरोधी पोस्ट फैलाने के 102 केस, फेसबुक से 71 केस, टिकटॉक के जरिये 3 केस और ट्विटर के जरिये ऐसा करने के आरोप में 3 केस दर्ज किए गए हैं। पुलिस की ओर से सोशल मीडिया के सभी संबंधित प्लेटफॉर्म्स को इस तरह की पोस्ट हटाने के लिए नोटिस भी जारी किए गए है, जिसके बाद अब तक 32 पोस्ट हटाई जा चुकी हैं।

गौरतलब है कि अभी हाल ही में सोशल मीडिया और एक न्यूज चैनल से फैलाई गई फेक न्यूज के कारण मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास लॉकडाउन होने के बावजूद हजारों प्रवासी मजदूरों की भीड़ जमा हो गई थी। ये सभी मजदूर भरतीय रेल द्वारा यात्री ट्रेन शुरू किए जाने की खबर फैलने के बाद घर जाने के लिए वहां जमा हुए थे। बाद में काफी मुश्किल से इन सभी मजदूरों को समझा-बुझाकर वापस भेजा जा सका। बाद में इस मामले में पुलिस ने एक स्थानीय चैनल के पत्रकार को गलत खबर दिखाने और एक शख्स को सोशल मीडिया पर ऐसी ही खबर फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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