बिहार में डेंगू के डंक से हालात भयावह, मरीजों के आंकड़ों ने तोड़े अब तक के सारे रिकॉर्ड, पटना की हालत बेहद खराब
बिहार में डेंगू के मामले बेकाबू होते दिख रहे हैं। सूबे की राजधानी पटना में डेंगू पीड़ितों की संख्या ने पिछला सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया। गुरुवार को पटना में डेंगू के कुल 436 मरीज मिले जो अबतक एक दिन में मिले पीड़ितों की संख्या में सर्वाधिक है।
बिहार में डेंगू अब तेजी से पांव पसार रहा है, जिससे लोग अब डरने लगे हैं। राजधानी पटना की हालत सबसे खराब है, जहां डेंगू पीड़ितों की संख्या ने पिछला सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है। गुरुवार को पटना में डेंगू के कुल 436 मरीज मिले जो अबतक एक दिन में मिले पीड़ितों की संख्या में सर्वाधिक है। राज्य में डेंगू मरीजों की संख्या 6500 से पार कर गई है।
सरकारी आंकड़े के अनुसार पटना में कुल पीड़ितों की संख्या गुरुवार को 4129 हो गई है। राज्य के कई सरकारी अस्पतालों डेंगू वार्ड में बेड की कमी भी पड़नी शुरू हो गयी है।
इस बीच, चार सदस्यीय केंद्रीय टीम बिहार में डेंगू की स्थिति का जायजा लेने पहुंची। टीम अब तक राजगीर और बिहारशरीफ के कुछ इलाकों का दौरा किया, जहां बड़ी संख्या में डेंगू के मामले देखे गए थे। उन्होंने बिहारशरीफ के जिला अस्पताल का भी दौरा किया और अधिक परीक्षणों की आवश्यकता पर जोर दिया।
इधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को दावा किया कि डेंगू की रोकथाम के लिए लागतार कदम उठाए जा रहे हैं। अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाए गए हैं, जहां बेडों की समुचित संख्या उपलब्ध कराई जा रही है। इलाकों में साफ सफाई की पूरी व्यवस्था करा दी गई है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल 100 वाहनों को रसायनिक पदार्थ छिड़काव के लिए लगाया गया है। प्रत्येक वार्ड में छिड़काव हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ ठंड बढ़ने के बाद डेंगू के मामलों में भी कमी आएगी।
डेंगू के क्या है लक्षण?
डेंगू की शुरुआत तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों में दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, थकान, मितली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते और भूख ना लगने जैसे लक्षणों से होती है।
पेट में तेज दर्द
तेजी से सांस लेना
लगातार उल्टी
प्लेटलेट काउंट का तेजी से गिरना और सुस्ती
बेचैनी महसूस होना
ऐसे करें बचाव
घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमने दें।
फुल शर्ट और फुल पैंट यानी शरीर को पूरी तरह से कवर करने वाले कपड़े ही पहनें।
मच्छरदानी में सोने का विकल्प अपनाएं।
उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष रूप से ध्यान रखें।
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