हरियाणा की मंडियों में बारिश में भीगा लाखों बोरी गेहूं, अब नमी की शर्त लगा खरीदारी से इनकार कर रही खट्टर सरकार

बेमौसम बारिश से हरियाणा के किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। मंडियों में पड़ा लाखों बोरी गेंगूं भीग गया है और अब खट्टर सरकार नमी का बहाना कर खरीदारी से इनकार कर रही है। कांग्रेस ने इसके लिए बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया
user

धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा में मंडियों से लेकर खरीद केंद्रों तक किसान खट्टर सरकार की बदइंतजामी का शिकार है। मंडियों में तिरपाल तक की व्‍यवस्‍था न होने से बारिश में लाखों बोरी गेहूं भीग चुका है। अब सरकार की नमी की शर्त किसानों के लिए संकट है। बारदाना है नहीं। मंडियों में बोरियों को सिलने तक की व्‍यवस्‍था नहीं है। मंडियों में पड़े गेहूं को कोई उठाने वाला नहीं है। ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन के बाद गेहूं खरीदने की शर्त मुश्किल का सबब बन गई है। यहां तक कि गेहूं बेच चुके किसान को भुगतान तक नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस ने इस बदइंतजामी को मनोहर लाल खट्टर की सरकार का निकम्‍मापन करार दिया है।

अखिल भारतीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि गेहूँ व सरसों खरीद में किसान-आढ़ती-मजदूर की आए दिन हो रही दुर्गति तथा बदइंतजामी बीजेपी-जेजेपी सरकार के निकम्मेपन का जीता जागता सबूत है।

उन्‍होंने कहा है कि कल रात से पूरे उत्तरी हरियाणा समेत अधिकांश हरियाणा में हो रही बारिश ने धरतीपुत्र किसान का पीला सोना यानि गेहूँ पानी में बहा दिया तथा खट्टर सरकार के दावों की सारी पोल खोल दी। अनाज मंडी, करनाल, निसिंग, जुंडला, निगदू, घरौंडा, असंध, निलोखेड़ी, कैथल, गुहला चीका, पुंडरी, पाई, ढाँड, इस्माईलाबाद, शाहबाद, पेहवा, झांसा, बिलासपुर, जगाधरी, यमुना नगर, रोहतक में भारी बारिश से लाखों क्विंटल गेहूँ न केवल भीग गया, परंतु सरकार की इस बदइंतजामी के चलते किसान-आढ़ती बर्बादी की कगार पर आ खड़ा हुआ है।

खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जिले करनाल में बदहाली का आलम है तथा सभी मंडियों व गेहूं खरीद केंद्रों में किसान व आढ़ती की दुर्दशा सुनने वाला कोई नहीं है। एक तरफ आज तक वेब पोर्टल सुचारु रूप से नहीं चल रहा है तो दूसरी तरफ किसान को डायरेक्ट पेमेंट की शर्तों को लेकर आढ़तियों और सरकार में सहमति नहीं बन पाई है। ऊपर से 12 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर किसान की फसल को खरीदने से इंकार किया जा रहा है।

सरकार ने 24 घंटे में गेहूं के उठान का वादा किया था, परंतु 4-5 दिन से गेहूँ मंडियों में पड़ा है। सरकार बोली के जरिये गेहूं भी नहीं खरीद रही है। अब जिन किसानों व आढ़तियों का लाखों क्विंटल गेहूं मंडियों, खरीद केंद्रों व खेतों में बारिश से भीग गया है वह उस नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे? इसके अलावा न बारदाना है, न सिलाई का इंतजाम, न ढुलाई की व्यवस्था और न ही मंडी में पड़े गेहूं को तिरपाल से ढंकने का कोई इंतजाम। ऐसे में किसान व आढ़ती करे तो क्या करे?


इस बीच कांग्रेस ने हरियाण सरकार से जनता और किसानों की तरफ से 6 मांगे उठाई हैं:

  1. लाखों क्विंटल गेहूं, जो बेमौसमी बारिश से भीग गया है, उसकी फौरन खरीद की जिम्मेदारी खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकार ले। 12 प्रतिशत नमी की शर्त में इन हालातों में उदार हृदय से छूट देकर 18 प्रतिशत की जाए।
  2. कैथल मंडी में 4 लाख बोरी, कलायत में 2 लाख बोरी, पुंडरी में 1.5 लाख बोरी, पाई मंडी में 50,000 बोरी, चीका में 4 लाख बोरी, करनाल में 5 लाख बोरी, यमुना नगर जिले में 6 लाख बोरी और रोहतक में भीगे 1 लाख बोरी गेहूं की खरीद की जिम्मेदारी सरकार ले।
  3. लगभग चार दिन से मौसम विभाग हरियाणा में बारिश होने का पूर्वानुमान बता रहा था, इसके बावजूद मंडियों व खरीद केंद्रों में तिरपाल का कोई इंतजाम नहीं किया गया और न ही पानी निकासी का। इस आपराधिक बदइंतजामी की जिम्मेदारी खट्टर सरकार निर्धारित करे व गेहूँ खरीद सुनिश्चित करे।
  4. हरियाणा की सभी अनाज मंडियों में अगले 12 घंटों में तिरपाल का प्रबंध व पानी निकासी के लिए मोटर तथा डीज़ल का इंतजाम हो। 12-12 घंटे की शिफ्ट में दिन रात कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए।
  5. सरकार ने आदेश निकालकर एक बार फिर डायरेक्ट पेमेंट की बात कही है तथा ऐसा न करने पर आढ़तियों को सजा देने का प्रावधान किया है। सरकार के इन बदलते फरमानों ने अव्यवस्था बना रखी है। पहले भी 13 व 16 अप्रैल को खट्टर सरकार ने सात प्राइवेट बैंकों में खाता खोलने की शर्त रख दी थी। बाद में इसे वापस ले लिया गया। 21 अप्रैल को आढ़तियों की बजाए पंचायत के जरिये खरीद का नया आदेश जारी कर दिया। फिर इसे भी बदल दिया गया। अब फिर डायरेक्ट पेमेंट की नई शर्त का आदेश जारी कर दिया गया है। रोज बदलते इन तुगलकी फरमानों की बजाए सीधी नीति से गेहूँ की खरीद सुनिश्चित की जाए।
  6. वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन को दोबारा खोला जाए तथा हर मंडी में मौके पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाए। वेब पोर्टल की त्रुटियों तथा एसएमएस प्रणाली की कमियों को दूर किया जाए। हर मंडी में बारदाना व सिलाई का इंतजाम किया जाए।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


/* */