ओले और बारिश की बौछारों के बीच अन्नदाता का आंदोलन जारी, किसानों के हौसले की मिसाल हैं ये तस्वीरें, देखें

टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आज 42वें दिन भी जारी है। प्रदर्शन स्थल पर कश्मीरी युवा पिछले एक महीने से लंगर दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां लोगों को बहुत परेशानी हो रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। पिछले कई दिनों से ऊपर वाला भी किसानों की इम्तिहान ले रहा है। कड़ाके की सर्दी के बीच बारिश हो रही है। बावजूद इसके किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

दिल्ली और एनसीआर में आज फिर बारिश हुई है। बारिश के साथ ओले भी पड़े हैं। बारिश और ओलों के बीच किसान बॉर्डर पर डटे रहे। कई जगहों पर किसानों का टेंट गीला हो गया। टेंट से पानी टपकने लगा। लेकिन बारिश किसानों के हौसले को डिगा नहीं पाई।


दिल्ली में कई जगहों पर भारी बारिश हुई है। बारिश और बादल छाने से दिन में ही अंधेरा छा गया है। तस्वीरों में आप देख सकते हैं राजधानी में किस कदर बारिश हुई है। बारिश के बीच किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आज 42वें दिन भी जारी है। प्रदर्शन स्थल पर कश्मीरी युवा पिछले एक महीने से लंगर दे रहे हैं। उन्होंने बताया, "यहां लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। हम हर तरह का लंगर चला रहे हैं। जो कुछ भी हमारे पास है हम दे रहे हैं।"


बारिश के बीच गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान डटे रहे। कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 40वें दिन भी जारी है।

किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर लीगल गारंटी दे। लेकिन सरकार जिद पर अड़ी हुई है। किसानों और सरकार के बीच कई दौर का वार्ता फेल हो चुकी है। एक बार फिर 8 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच वार्ता होनी है। किसानों ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों को वापस लेने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। ऐसे में अब सभी को अगले दौर की वार्ता का इंतजार है।

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