किसानों से मिलने पहुंची गांधीजी की पोती, बोलीं- इनका हित नहीं हुआ तो हमारा हित नहीं होगा

आंदोलन के मंच से तारा गांधी भट्टाचार्य ने किसानों को संबोधित भी किया और कहा कि मैं तो यहां राकेश टिकैत और अन्य नेताओं से मिलने आई हूं। दिल्ली से बॉर्डर तक आने में भले घंटों लगे हों, लेकिन मैं ये यात्रा कभी नहीं भूलूंगी।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, ऐसे में आज महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य गाजीपुर बॉर्डर पहुंचीं, उन्होंने किसान संगठनों के सभी नेताओं से मुलाकात भी की। इस दौरान किसान संगठनों के नेताओं ने उनका मंच पर स्वागत किया और आशीर्वाद लिया।

आंदोलन के मंच से तारा गांधी भट्टाचार्य ने किसानों को संबोधित भी किया और कहा, "मैं तो राकेश टिकैत और अन्य नेताओं से यहां मिलने आई हूं। दिल्ली से बॉर्डर तक आने में भले घंटों लगे हों, लेकिन मैं ये यात्रा कभी नहीं भूलूंगी। आज हम जिंदा हैं तो आप (किसानों) की वजह से, जब तक किसानों का हित नहीं होगा तब तक हमारा हित नहीं होगा। आप सभी यहां आएं हैं, आप मेहमान हैं, मैं सभी को प्रणाम करती हूं।"

इस दौरान गांधीजी की पोती ने कहा, "मैं न राजनीति समझती हूं, न कानून, लेकिन आप मुझे अपने गांव का ही समझिए, आप सभी लोगों के लिए मैं प्रार्थना करती हूं कि सत्य की जीत हो, जो भी हो भला हो।" उन्होंने किसान सगठनों के नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि, "आप सभी से भी कहूंगी की पर्यावरण दूषित हुआ है, लेकिन मन को दूषित न करें, आप लोगों को हिंसा की जरूरत नहीं है। आपके काम मे ही सत्य है।"

तारा गांधी भट्टाचार्य ने कहा, "मैं यहां आई और आप सभी लोगों को देखा मेरा जीवन सफल हो गया। मैं आपके साथ हूं, आपको नमन करती हूं।" उन्होंने बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शरीक होने आई महिलाओं को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं का साहस और संघर्ष अनुकरीय है।

दरअसल केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों- किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम- 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम- 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम- 2020 के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान इन कानूनों पर सरकार का विरोध कर रहे हैं ।

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