हरियाणा में अब 15 और 7 जिलों के बनेंगे दो जोन, दिल्ली से सटे जिलों में ज्यादा सख्ती, भर्ती में रोक पर यूटर्न
हरियाणा सरकार ने कोरोना से जूझते प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को खोलने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। नई रणनीति के तहत अब राज्य को दो जोन में बांटा जाएगा। एक जोन में 15 जिले होंगे, जबकि कोरोना से ज्यादा प्रभावित जिले दूसरे जोन में शामिल होंगे।
हरियाणा सरकार ने कोरोना संकट के बीच आर्थिक गतिविधियां शुरु करने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। नई रणनीति के तहत अब राज्य को दो जोन में बांटा जाएगा। एक जोन में 15 जिले होंगे, जबकि कोरोना से ज्यादा प्रभावित जिले दूसरे जोन में शामिल होंगे। इसमें मुख्यत: दिल्ली से सटे जिले शामिल होंगे, जहां सख्ती बरती जाएगी। साथ ही एक साल तक सरकारी भर्ती पर रोक लगाने के फैसले पर बुरी तरह घिरी सरकार ने डैमेज कंट्रोल करने की कवायद की है। अब सरकार ने थोड़ा ‘यू-टर्न’ लेते हुए कहा है कि जिन विभागों में जरूरत होगी वहां भर्तियां की जाएंगी।
दिल्ली से सटे जिलों में ज्यादा सख्ती
वहीं, हरियाणा सरकार अब तीसरे चरण में औद्योगिक इकाईयों को खोलने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। सरकार ने फैसला किया है कि राज्य को अब दो जोन में बांटा जाएगा, जिसके तहत 15 जिले आएंगे, जहां कोरोना पॉजिटिव मामले 10 से कम हैं। इन जिलों के लिए अलग से जिला स्तरीय योजना बनाई जाएगी। दूसरे जोन में सात जिले शामिल होंगे, जिनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, सोनीपत, पानीपत और पंचकूला शामिल हैं। यहां कोरोना का प्रभाव अधिक है। इन 7 जिलों में ब्लॉक अथवा टाउन के अनुसार योजना बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि कंटेनमेंट जोन में किसी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां नहीं होंगी। जो उद्योग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने कम मजदूरों अर्थात 50 की वर्क फोर्स के साथ काम करने के लिए आगे आएंगे, उन इकाइयों में 8 घंटे की बजाय 12 घंटे तक भी काम लिया जा सकता है। बशर्ते, कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 59 के तहत उद्यमियों को 4 घंटे के ओवर टाइम का दोगुना वेतन देना होगा। आईटी क्षेत्र में 33 प्रतिशत वर्क फोर्स के साथ इकाइयों को चलाने की स्वीकृति दी गई है। अन्य औद्योगिक इकाइयों को 50 प्रतिशत वर्क फोर्स के साथ कार्य करने की छूट दी गई है।
सरकार का कहना है कि शहरों अथवा मोहल्ले की दुकानें और जहां कहीं केवल एक अकेली दुकान है,ऐसे स्थान जो मार्केट का हिस्सा नहीं है, उनको छूट दी गई है और गांव में सभी छोटी-बड़ी दुकानों को खोल दिया गया है।
मालवाहक वाहन चलेंगे, हाईवे पर स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खलेंगी
हरियाणा सरकार ने साफ किया है कि केंद्र के निर्देशानुसार प्रतिबंधित चीजों को छोडक़र सभी तरह के मालवाहक वाहनों को चलाने की अनुमति है। इसमें निर्माण सामग्री की ढुलाई करने वाले वाहन भी शामिल हैं। हर जिले में प्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों और मुख्य मार्गों पर ढाबे, टायर पंक्चर, मरम्मत व स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंगी। बीज, दवा, कृषि से जुड़े उपकरणों की मरम्मत जैसी दुकानें भी खुली हुई हैं। सभी जिलों में टायर की दुकानें भी खुली होनी चाहिए। चाहे वह शहर के अंदर हों या बाहर, क्योंकि यह भी जरूरी वस्तुओं की श्रेणी में आती हैं।
वाहनों की फिटनेस, परमिट, चालक लाइसेंस तथा मोटर वाहन अधिनियम-1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 के तहत जारी किए जाने वाले अन्य दस्तावेज, जोकि पहली फरवरी, 2020 तक वैध थे, अब 30 जून, 2020 तक वैध माने जाएंगे। इसके अलावा, पहली अप्रैल, 2020 से पहले बिक चुके बीएस-4 वाहनों, जिनका किसी कारणवश पंजीकरण नहीं हो पाया है, उनका पंजीकरण 30 अप्रैल तक किया जाएगा।
सरकारी विभागों में भर्ती के आदेश पर यूटर्न
देश में तकरीबन सर्वाधिक बेरोजगारी के शिकार प्रदेश में एक साल सरकारी भर्ती रोकने के फैसले पर राज्य में चारों तरफ से घिरने के बाद सरकार को डैमेज कंट्रोल के लिए उतरना पड़ा। खुद मुख्यमंत्री को कहना पड़ा कि इस संकट के समय में भी प्रदेश सरकार सरकारी भर्तियां करने के लिए प्रतिबद्ध है। खाली पदों पर जिन-जिन विभागों में आवश्यकता होगी, वहां पर सरकारी भर्तियां चालू रहेंगी।
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