हरियाणा : कोरोना संकट से परेशान जनता पर टैक्‍स लगा खजाना भरेगी खट्टर सरकार, कांग्रेस ने कहा-यह क्रूरता है 

हरियाणा की खट्टर सरकार ने कोरोना संकट के बीच आम लोगों पर टैक्स का बोझ डाला है। पेट्रोल-डीजल से लेकर बस किराए और मंडी में फीस लगाने तक सरकार ने लोगों से वसूली का फरमान जारी कर दिया है। कांग्रेस ने इस बढ़ोत्तरी को वापस लेने की मांग करते हुए इसे क्रूरता करार दिया है।

फोटो : Getty Images
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धीरेंद्र अवस्थी

हरियाणा सरकार ने बेहद मुश्किल वक्‍त में आम लोगों का जीवन और महंगा कर दिया है। जब लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। आय के सारे साधन छिन चुके हैं। ऐसे समय उसने आम लोगों की सवारी बस का किराया महंगा कर दिया। अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में जब डीजल-पेट्रोल कौड़ियों के दाम बिक रहा है। ऐसे वक्‍त में डीजल-पेट्रोल पर टैक्‍स बढ़ाकर सरकार ने अपना खजाना भरने की जुगत लगाई है। खट्टर सरकार ने पिछले 6 साल में पेट्रोल-डीजल पर टैक्‍स से राज्‍य की जनता से 42000 करोड़ रुपये वसूले हैं।

अखिल भारतीय कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और हरियाणा कांग्रेस की अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा ने राज्‍य सरकार पर हमला बोला है। दोनों नेताओं ने कहा है कि कल शाम के अंधेरे में खट्टर सरकर ने प्रदेश के 2.5 करोड़ लोगों से जबरन वसूली का एक नया काला अध्याय लिख डाला। पूरी दुनिया में सरकारें अच्छी नीति व नीयत से लोगों की जेब में पैसा डालने का काम कर रही हैं, पर खट्टर सरकार कोरोना महामारी व आर्थिक संकट के इस काल में टैक्स पर टैक्स लगा खजाना भरने में जुटी है।

खट्टर सरकार द्वारा पेट्रोल-डीज़ल पर लगाया गया अनाप-शनाप टैक्स, फल और सब्जी पर लगाई गई मार्केट फीस व एचआरडीएफ टैक्स तथा आम जनमानस की कमर तोड़ते हुए बस किराए में की गई बढ़ोतरी उसकी निर्दयता, निकम्मेपन व अहंकार का जीता जागता सबूत है। आर्थिक संकट की इस घड़ी में जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय बीजेपी-जेजेपी सरकार जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। उन्‍होंने कहा कि पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स लगा खट्टर सरकार ने पिछले 6 साल में हरियाणा की जनता से 42,000 करोड़ वसूले हैं। अब केवल पेट्रोल-डीज़ल से सालाना रिकवरी बढ़कर 9,255 करोड़ हो जाएगी।

दोनों वरिष्‍ठ कांग्रेस नेताओं ने राज्‍य सरकार का पूरा लेखा-जोखा जारी करते हुए कहा है कि 2014-15 में इस सरकार ने वैट से 5,112 करोड़ कमाए हैं, जबकि 2015-16 5,976 करोड़ कमाए। इसी तरह 2016-17 में 7,000 करोड़, 2017-18 में 7,647 करोड़, 2018-19 में 8,286 करोड़ और 2019-20 में लोगों से 7,873 करोड़ रुपये वसूले हैं, जिसका योग 41,894 करोड़ बनता है। अप्रैल से दिसंबर 2019 तक वैट रिकवरी 5,873 करोड़ है। जनवरी से मार्च 2020 तक इसी रिकवरी के औसत में 2000 करोड़ वसूली का अनुमान जोड़ा गया है।


इसके अलावा हरियाणा सरकार जीएसटी के माध्यम से तेल रिफाइनरी से पिछले तीन सालों में ही 1,668 करोड़ वसूल कर चुकी है। कांग्रेस ने 2014 में जब सरकार छोड़ी थी तो पेट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 26.25 प्रतिशत हो जाएगा। डीज़ल पर वैट 9.24 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 17.22 प्रतिशत हो जाएगा।

कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि खट्टर सरकार ने कल खुद स्वीकारा है कि पेट्रोल व डीज़ल पर क्रमशः 1 व 1.10 रुपये बढ़ाकर व लोगों से 732 करोड़ सालाना की अतिरिक्त रिकवरी करेगी। इसके अलावा, रिफाइनरी से 650 करोड़ और आएगा। 2019-20 पर पेट्रोल/डीज़ल से वैट रिकवरी को ही अगर 2020-21 में अनुमान लगा लिया जाए तो खट्टर सरकार अब अकेले पेट्रोल/डीज़ल पर टैक्स से 9,255 करोड़ सालाना कमाएगी।

सुरजेवाला और सैलजा ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि भारत सरकार के मुताबिक 29 अप्रैल, 2020 को एक बैरल कच्चा तेल 17.23 यूएस डालर या 1304.39 रुपये में खरीदा जा रहा था। एक बैरल में 159 लीटर होते हैं। यानि प्रति लीटर लागत 8.20 रुपये है। इसके बावजूद हरियाणा में आज पेट्रोल की कीमत 70.21 रुपये प्रति लीटर, डीज़ल की कीमत 62.07 रुपये प्रति लीटर है।

केवल बस किराया बढ़ाकर हरियाणा की जनता से 170 करोड़ अतिरिक्त वसूले जाएंगे। सरकार की दी गई जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन हरियाणा में रोडवेज़ की बसें 10,38,000 किलोमीटर चलती हैं। अगर 30 सवारियों का औसत भी लगाएं तो 311.4 लाख पैसेंजर किलोमीटर प्रतिदिन बनते हैं। इसे अगर सालाना निकाला जाए तो यह 1,13,661 लाख पैसेंजर किलोमीटर होते हैं। अगर 15 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोत्तरी को गिना जाए तो जनता पर 170.49 करोड़ प्रतिवर्ष का अतिरिक्त भार पड़ेगा। हरियाणा में फल और सब्जी पर कोई मार्केट फीस नहीं थी। 1 प्रतिशत मार्केट फीस लगा व 1 प्रतिशत एचआरडीएफ लगा भाजपा-जजपा सरकार ने गरीब की कमर तोड़ने का काम किया है।

वरिष्‍ठ कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि पार्टी मांग करती है कि कोरोना महामारी व गंभीर आर्थिक संकट झेल रही हरियाणा की जनता पर खट्टर सरकार ‘जजिया कर’ लगाना बंद करे।

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