सीमा विवाद पर चीन के साथ कमांडर स्तर की बैठक, भारत ने पैंगोंग झील से सेना और निर्माण हटाने को कहा

पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर चीन की सेना ने यथास्थिति बदलने का प्रयास किया है और पैंगोंग झील के फिंगर-4 क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिक डेरा डाले हैं। भारत ने बैठक में सबसे पहले चीन को वहां से अपने सैनिक हटाने को कहा है। साथ ही वहां किए निर्माण भी हटाने के लिए कहा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

लद्दाख की पूर्वी सीमा पर पिछले एक माह से जारी तनाव के बीच गतिरोध की स्थिति को सुलझाने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सुरक्षा बलों को कम करने के लिए आज भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर लेवल की बैठक हुई। खबर है कि बैठक में भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने चीन से दो टूक लहजे में पैंगोंग झील से अपने सैनिक जमावड़े और निर्माण हटाने को कहा है। फिलहाल बैठक खत्म हो गई है और भारतीय प्रतिनिधिमंडल वापस लेह लौट रहा है।

दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच लद्दाख के चशूल के सामने चीन की तरफ मोल्दो में शुरू हुई इस बैठक में भारतीय सेना का नेतृत्व लेह-स्थित 14 कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी सेना का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया। खास बात ये है कि चीन ने इस बैठक से ठीक पहले अपना कमांडर बदला है। भारत से लगी सीमा की निगरानी करने वाली चीन की वेस्टर्न थियेटर कमांड पर चीनी सेना ने बैठक से पहले अचानक शू चिलिंग की तैनाती की है। चिलिंग इससे पहले ईस्टर्न कमांड में सेवाएं दे चुके हैं।

बता दें कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में विशेष रूप से पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया है और पैंगोंग झील के फिंगर-4 क्षेत्र में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक डेरा डाले हुए हैं। भारत ने बैठक में सबसे पहले चीन को वहां से सैनिकों को हटाने को कहा है। साथ ही वहां पर किए गए सेना के निर्माण को भी हटाने के लिए कहा गया है।

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के पैगोंग झील इलाके में सीमा पर तनाव तब बढ़ा, जब बीते दिनों भारत ने अपनी सीमा में सड़क निर्माण शुरू किया। इस पर चीनी सेना ने विरोध किया, जिससे दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई। इस झड़प में दोनों तरफ से सैनिक घायल हुए थे। उसके बाद से दोनों तरफ से बातचीत की कोशिशें जारी हैं। इससे पहले दोनों देशों के मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच दो जून को वार्ता हुई थी, जिसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया था।

गौरतलब है कि चीन लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए है और इस दौरान उसने विवादित सीमा के पास बड़ी संख्या में सेना की तैनाती की है। भारत की ओर से भी इसका जवाब दिया गया है और सीमा पर भारतीय सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ताजा गतिरोध लद्दाख में भारत के सड़क निर्माण के लिए एक सहज प्रतिक्रिया नहीं है। उस झड़प से कुछ हफ्तों पहले भी चीन की ओर से असामान्य गतिविधियों को देखा गया था। लद्दाख में मौजूदा गतिरोध सामान्य गश्त का हिस्सा नहीं है, बल्कि डोकलाम के बाद चीन द्वारा शुरू की गई नई रणनीति का हिस्सा है।

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Published: 06 Jun 2020, 5:19 PM