पत्रकार मनदीप पुनिया को कोर्ट से मिली बेल, सिंघु बॉर्डर से रिपोर्टिंग करते पुलिस ने किया था गिरफ्तार

किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग करते गिरफ्तार किए गए पत्रकार मनदीप पुनिया को दिल्ली की कोर्ट ने जमानत दे दी है। मनदीप ने सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के बीजेपी कनेक्शन की पोल खोली थी।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पत्रकार मनदीप पुनिया को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट से 25000 के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है। स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया को दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी की देर शाम सिंघु बॉर्डर से उस समय जबरन हिरासत में ले लिया था, जब वे किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग कर रहे थे। मनदीप की गिरफ्तारी पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रिया हुई थी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया था।

स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को हिरासत में लेने के काफी देर तक पुलिस ने उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा मनदीप को खींचकर ले जाने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि मनदीप पुनिया को पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने और सिंघु बॉर्डर पर पुलिस के काम में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि, पत्रकार मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी के पीछे कुछ और ही कारण बताया जा रहा है। दरअसल मनदीप ने इससे पहले सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ हिंसा कर रहे लोगों के बीजेपी कनेक्शन की पोल खोली थी। दो दिन पहले सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों पर कुछ लोगों ने स्थानीय नागरिक होने का दावा करते हुए पुलिस की मौजूदगी में पत्थरबाजी की थी। घटना के बाद पत्रकार मनदीप पुनिया ने वीडियो जारी कर दावा किया था कि जो लोग स्थानीय होने का दावा करके किसानों पर हमले कर रहे थे, वे स्थानीय नहीं बल्कि बीजेपी कार्यकर्ता थे। इसी के बाद उनकी गिरफ्तारी हो गई।

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पत्रकार मनदीप पुनिया की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। राहुल गांधी ने मनदीप की गिरफ्तारी से जुड़ी रिपोर्ट का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि जो सच से डरते हैं, वे सच्चे पत्रकारों को गिरफ़्तार करते हैं। वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन कवर कर रहे पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा रहा है, उनपर मुकदमें किए जा रहे हैं। कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया है। बीजेपी सरकार किसानों की आवाज को कुचलना चाहती है, लेकिन वे भूल गए हैं कि जितना दबाओगे उससे ज्यादा आवाजें आपके अत्याचार के खिलाफ उठेंगी।

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