हरियाणा: कोरोना संकट में जनता पर महंगाई की मार, पेट्रोल-डीज़ल महंगा, बसों का किराया बढ़ा, मंडी पर लगी फीस

हरियाणा सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जो आम लोगों के लिए मुश्किल भरे साबित होंगे। सरकार ने बसों के किराये को 85 पैसा प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर एक रुपया प्रति यात्री प्रति किलोमीटर कर दिया है। साथ ही पेट्रोल-डीजल भी महंगा कर दिया है।

फोटो : सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

एक ऐसे वक्‍त में, जब प्रदेश की जनता कोरोना की मार से त्रस्‍त है। रोजगार छिन गया है। काम-धंधा ठप है। किसान भी संकट में है। राज्‍य सरकार ने अपने फैसलों से लोगों का जीवन और महंगा कर दिया है। सरकार ने डीजल-पेट्रोल महंगा करने के साथ ही बसों का किराया भी बढ़ा दिया है। फल एवं सब्जियों की बिक्री पर मार्केट फीस लगाने का भी निर्णय लिया गया है। जब इस मुश्किल वक्‍त में लोगों की ज्‍यादा मदद करने की दरकार है, तब सरकार के ये फैसले तर्क की कसौटी पर किसी की भी समझ से परे हैं।

हरियाणा सरकार ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जो हरियाणा की जनता के लिए बेहद मुश्किल भरे साबित होंगे। सरकार ने प्रदेश में सामान्य, लग्जरी और सुपर लग्जरी बसों के किराये को 85 पैसा प्रति यात्री प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर एक रुपया प्रति यात्री प्रति किलोमीटर करने का निर्णय लिया है।

संशोधन के अनुसार, साधारण बसों के किराये को 85 पैसे प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 100 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 100 पैसे प्रति किलोमीटर और 100 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए 105 पैसे प्रति किलोमीटर किया गया है। एसी बसों के किराये को 150 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर तक बढ़ाया गया है। इंट्रा-स्टेट लग्जरी वातानुकूलित बसों, वोल्वो/मर्सिडीज के लिए 175 पैसे प्रति यात्री और सुपर लग्जरी एयर कंडीशंड बसों, वोल्वो/मर्सिडीज (चंडीगढ़-दिल्ली-गुरुग्राम रूट पर परिचालन) का किराया बढ़ाकर 250 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है।

वहीं, सरकार ने डीजल और पेट्रोल की बिक्री पर वैट दर को आंशिक रूप से बहाल करने की मंजूरी दी है। इससे कर की दर में पेट्रोल के मामले में एक रुपये प्रति लीटर, जबकि डीजल के मामले में 1.1 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि होगी। प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, पेट्रोल पर कर की दर 25 प्रतिशत (सरचार्ज समेत प्रभावी दर 26.25) और डीजल पर कर की दर 16.40 प्रतिशत (सरचार्ज समेत प्रभावी दर 17.22) तक बहाल किया जाना प्रस्तावित है, जोकि 4 अक्तूबर, 2018 के स्तर से पहले का है। डीजल के मामले में प्रति लीटर कर की निर्धारित दर 8.15 रुपये (सरचार्ज सहित प्रभावी दर 8.56 रुपये) से बढ़कऱ 9.20 रुपये प्रति लीटर (सरचार्ज सहित प्रभावी दर 9.66 रुपये) और पेट्रोल के मामले में 14.25 रुपये (सरचार्ज सहित प्रभावी दर 14.96 रुपये) प्रति लीटर से बढकऱ 15.20 रुपये प्रति लीटर (सरचार्ज सहित प्रभावी दर 15.96 रुपये) हो सकती है।


इसके अलावा मंडियों में फलों एवं सब्जियों की बिक्री पर एक प्रतिशत मार्केट फीस और एक प्रतिशत एचआरडीएफ लगाने का निर्णय भी लिया है। सरकार ने पड़ोसी राज्‍यों का हवाला देकर अपने निर्णय को न्‍यायोचित ठहराने की भी कोशिश की है।

सरकार के इन फैसलों की विपक्ष ने आलोचना की है।कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि खट्टर कैबिनेट ने एक नया काला अध्याय लिख डाला है। पूरी दुनिया में कोरोना महामारी व आर्थिक मंदी के चलते सरकारें राहत दे रही हैं। पर, हरियाणा की खट्टर सरकार ऐसी निर्दयी है कि रोज़ “जबरन दान” व “जबरन वसूली” में जुटी है। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार द्वारा डीज़ल/पेट्रोल पर ₹1.10 प्रति लीटर का टैक्स/सेस बढ़ाना, बस का किराया 15 पैसा प्रति किलो मीटर बढ़ाना व फल/सब्ज़ी पर 1% मार्केट फ़ीस लगाना “जज़िया कर” से कम नहीं है।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि खट्टर सरकार का कहर महामारी के दौर में भी प्रदेश वासियों पर टूट रहा है। किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है। उद्योग-धंधे चौपट हैं। रोजगार कहीं है नहीं। अब सब्जी-फल,पेट्रोल-डीजल व रोडवेज किराया भी महंगा होगा।

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