बजट 2019: जानिए उन खास शब्दों का मतलब, जिनसे आसान हो जाएगा बजट को समझना

मोदी सरकार शुक्रवार को मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेगी। बजट को समझना हर किसी के लिए आसान नहीं होता क्योंकि इससे जुड़े कई ऐसे पहलू और शब्द होते हैं, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते। अगर उन्हें जान लिया जाए तो बजट समझना आसान हो जाता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार शुक्रवार को मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेगी। ऐसा माना जा रहा है कि फिर से सत्ता में वापसी की राह खोज रही सरकार मध्यवर्ग और किसानों का खास ध्यान रखकर बजट पेश कर सकती है। बजट को समझना हर किसी के लिए आसान नहीं होता क्योंकि इससे जुड़े कई ऐसे पहलू और शब्द होते हैं, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते। अगर उन्हें जान लिया जाए तो बजट समझना आसान हो जाता है।

आम बजट और अंतरिम बजट

बजट सरकार के सालाना खर्च का ब्यौरा होता है। इसके जरिए सरकार की प्राप्तियों और खर्च का लेखा-जोखा पेश किया जाता है। चुनाव वाले साल के दौरान अंतरिम बजट पेश किया जाता है। नहीं तो केंद्र सरकार हर साल आम बजट पेश करती है।

डायरेक्ट टैक्स

डायरेक्ट टैक्स वह टैक्स होता है, जो व्यक्तियों और संगठनों की आमदनी पर लगाया जाता है, चाहे वह आमदनी किसी भी स्रोत से हुई हो, जैसे निवेश, वेतन, ब्याज आदि।

इनडायरेक्ट टैक्स

ग्राहकों द्वारा सामान खरीदने और सेवाओं का इस्तेमाल करने के दौरान उन पर लगाया जाने वाला टैक्स इनडायरेक्ट टैक्स कहलाता है। जीएसटी, कस्टम्स ड्यूटी और एक्साइज ड्यूटी आदि इनडायरेक्ट टैक्स के तहत ही आते हैं।

कस्टम्स ड्यूटी

कस्टम्स ड्यूटी वह चार्ज होता है जो देश में आयात होने वाले सामानों पर लगाया जाता है।

एक्साइज ड्यूटी

एक्साइज ड्यूटी वह चार्ज होता है जो देश के भीतर बनाए जाने वाले सामानों पर लगाया जाता है।

राजकोषीय घाटा

सरकार की कुल आय और खर्चे में अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। आय और व्यय के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार हर वर्ष जो अतिरिक्त रकम उधार लेती है, उसे वित्तीय यानी राजकोषीय घाटा कहा जाता है।

विनिवेश यानी डिसइन्वेस्टमेंट

सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया विनिवेश कहते हैं। इसका मतलब है कि सरकार इसके तहत घाटे में चल रहे पब्लिक सेक्टर की कंपनियों और उपक्रमों को बेहतर करने के लिए कुछ हिस्सेदारी को शेयर या बांड के रुप में बेचती है।

चालू खाता घाटा

जब किसी देश की वस्तुओं, सेवाओं और ट्रांसफर का आयात इसके निर्यात से अधिक होता है तो चालू खाता घाटा की स्थिति समाने आती है।

सब्सिडी

सरकार की ओर से व्यक्तियों या समूहों को नकदी या कर से छूट के रूप में दिया जाने वाला लाभ सब्सिडी कहलाता है।

पूंजीगत व्यय या कैपेक्स

कैपिटल एक्सपेंडिचर या कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) किसी सरकार द्वारा किया जाने वाला वह व्यय होता है, जो भविष्य के लिए लाभ का सृजन करता है।

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