महाराष्ट्र : मुख्यमंत्री फड़णवीस पर 1767 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले का आरोप  

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर करीब 1767 करोड़ रूपए मूल्य की जमीन घोटाले का आरोप लगा है। यह आरोप मुंबई कांग्रेस ने लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार से सवाल पूछे हैं कि आखिर किसानों के पुनर्वास के लिए आवंटित जमीन बिल्डर को कैसे दे दी गई?

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया
user

आईएएनएस

मुंबई कांग्रेस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर एक सनसनीखेज आरोप लगाया। विपक्षी पार्टी ने कहा कि फड़णवीस ने नवी मुंबई में एक प्रमुख भूखंड एक बिल्डर को औने-पौने दाम में दे दिया। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरूपम और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया को बताया कि फड़णवीस सरकार ने लगभग 1,767 करोड़ रुपये कीमत की 24 एकड़ जमीन पैराडाइज बिल्डर्स को मात्र 3.60 करोड़ रुपये में दे दिया है।

दोनों नेताओं ने कहा कि यह भूखंड शहर एवं औद्योगिक विकास निगम (सिडको) का है। उन्होंने कहा कि यह जमीन कथित रूप से कोयना बांध परियोजना से प्रभावित लोगों और किसानों के पुनर्वास के लिए थी। इसे एक 'महाघोटाला' करार देते हुए निरूपम और सुरजेवाला ने बंबई उच्च न्यायालय के दो मौजूदा न्यायाधीशों से इसकी जांच कराने की मांग की।

निरूपम ने कहा, "सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाना और पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए गरीबों के साथ धोखा करना बीजेपी का आंतरिक चरित्र है। केंद्र की सूट-बूट वाली सरकार और बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों में अपने मुट्ठीभर पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने की होड़ मची हुई है।"

निरूपम ने अपने आरोपों को स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में पैराडाइज बिल्डर्स ने नवी मुंबई में निर्माणाधीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगी जमीन मांगी थी और अधिकारियों ने कथित तौर पर कोयना बांध परियोजना में विस्थापित हुए कुछ भोले-भाले किसानों की पहचान की, ताकि उन्हें सिडको की भूमि आवंटित कर बाद में उसे बिल्डर को स्थानांतरित कर दिया जाए।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष फरवरी में रायगढ़ के कलेक्टर ने रंजपपाड़ा गांव में 24 एकड़ जमीन आठ विस्थापित किसान परिवारों को आवंटित कर दी, जबकि पैराडाइज बिल्डर ने इस भूमि को 15 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से स्थानांतरित करने का एक करार किसानों के साथ पहले ही कर लिया था।

निरूपम ने कहा, "सिडको और फड़णवीस के नेतृत्व वाले शहरी विकास विभाग (यूडीडी) ने भूमि को डीनोटीफाई करने की मंजूरी दे दी, ताकि इसे बिल्डर को स्थानांतरित किया जा सके।" उन्होंने कहा कि सभी अन्य औपचारिकताएं तेजी से पूरी की गईं और बिल्डर को पिछले महीने भूमि का कब्जा दे दिया गया, मात्र 15 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से, जबकि सिडको ने इससे सटी जमीन 184,000 रुपये प्रति वर्गमीटर की ऊंची दर से बेची थी।

कांग्रेस ने इस कथित घोटाले में कुछ सवाल पूछे हैं:

  • वे आठ किसान कौन थे, और उनकी पहचान क्यों की गई?
  • इन किसानों को खेती की जमीन आवंटित करने के बदले कैसे सिडको की कीमती जमीन आवंटित की गई?
  • बिल्डर ने कैसे किसानों के साथ जमीन बिक्री का करार कर लिया, जिसे किसानों को आवंटन के तत्काल बाद मामूली कीमत में बेच दिया?
  • आखिर सिडको-यूडीडी और पैराडाइज बिल्डर्स के बीच क्या रिश्ता है?
  • उन्हें लगभग 1,767 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन मात्र 3.6 करोड़ रुपये में प्राप्त करने वाले इस सौदे के लिए फड़णवीस का आशीर्वाद क्यों प्राप्त है?

हालांकि बीजेपी की राज्य इकाई के प्रवक्ता माधव भंडारी ने सभी आरोपों को तत्काल खारिज कर दिया और इसे झूठा व निराधार बताया। जबकि फड़णवीस के करीबी विश्वासपात्र और विधायक प्रसाद लाड ने कांग्रेस के खिलाफ 500 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia