छात्रों पर लाठियां बरसा रहे लाल शर्ट वाले शख्स को लेकर उठ रहा सवाल, लोग पूछ रहे उसकी पहचान

रविवार को जामिया में हुई हिंसा से संबंधित एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है। जिसमें 5 लड़कियां एक लड़के को बचाने के लिए पुलिस वालों को पीछे खदेड़ रही हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़कियां पुलिस वालों को ‘गो बैक गो बैक’ करके पीछे हटा रही हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

रविवार को जामिया में हुई हिंसा से संबंधित एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है। जिसमें 5 लड़कियां एक लड़के को बचाने के लिए पुलिस वालों को पीछे खदेड़ रही हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़कियां पुलिस वालों को 'गो बैक गो बैक' करके पीछे हटा रही हैं। लेकिन आखिरी में जब एक लड़का इन लड़कियों से कुछ आगे आता है तो पुलिस उसको खींच लेती है और उस पर लाठियां बरसाती है। इस लड़के को बचाने के लिए लड़कियां पुलिस वालों की लाठियों के सामने आ जाती हैं और लड़के को बचाने की कोशिश करती हैं। लेकिन पुलिस वाले फिर भी लाठी बरसाते रहते हैं और फिर चले जाते हैं।

इस घटना में पुलिसवालों के साथ लाठियां बरसाने वालों में एक ऐस शख्स भी शामिल है जो सादी वर्दी में है। वह शख्स नीले कलर का जिंस, लाल रंग का शर्ट और जैकेट पहने हुए है। वो सर पर हेलमेट भी पहने हुए है। उसके हाथ में डंडा है और वो लगातार छात्रों पर लाठियां बरसा रहा है। लेकिन उसके पहनावे से ऐसा नहीं लग रहा है कि वो कोई पुलिस वाला है। वो सबसे ज्यादा हिंसक भी लग रहा है। उस शख्स को लेकर सोशल मीडिया पर अब सवाल उठने लगे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर पुलिस वालों के साथ मिलकर छात्रों पर डंडा बरसाने वाला वो शख्स है कौन? लोग दिल्ली पुलिस से भी सवाल पूछ रहे हैं।


इस बीच पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने भी सवाल किया है कि क्या कोई मुझे बता सकता है कि सिविल ड्रेस में यह शख्स कौन है, जिसका चेहरा छुपा हुआ है और पुलिस के साथ जामिया के छात्रों की पिटाई कर रहा है ?

पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू के इस ट्वीट को कई लोगों ने रिट्वीट किया और अपनी राय भी दी है। वरिष्ठ पत्रकार अंजीत अंजुम ने ट्वीट कर पूछा, ‘ये सवाल सुप्रीम कोर्ट के जज रहे मार्कंडेय काटजू पूछ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी पूछेगा क्या ?’

टीवी एक्ट्रेस श्रुति सेठ ने तंज कसते हुए कहा कि सादे वर्दी में छात्रों पर लाठियां बरसा रहा शख्स एक सच्चा राष्ट्रवादी है?

वहीं राकेश शर्मा नाम के एक शख्स ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति काटजू, एक बहुत ही स्पष्ट सवाल पूछ रहे हैं। वह आदमी कौन है? क्या वह पुलिस वाला है, या कोई और है? यदि हां, तो पुलिस ने उसे अपने साथ क्यों रखा और उसे छात्रों को पीटने की इजाजत कैसे दी?’


इसी बीच घटना के दिन के कुछ और फोटो वायरल हो रहेहैं जिसमें कुछ लोग जिंस और टी-शर्ट पहने दिख रहे हैं। पहले ऐसी अफहवा आई थी कि ये लोग आरएसएस स्वयंसेवक हैं। लेकिन दिल्ली पुलिस इस बात से इनकार किया है। पुलिस का कहना है कि ये एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वाड के सदस्य हैं।

घटनास्थल पर क्या हुआ था?

इस वीडियो में जो छात्र पुलिस की लाठियों से पीट रहा है उसका नाम है शाहीन अब्दुल्लाह। शाहीन जामिया के कन्वर्जेंस जर्नलिज्म के छात्र हैं। शाहीन जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे लेकिन रविवार को वो एक मीडिया संगठन मख्तूम मीडिया के लिए इस विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। शाम के समय जब जामिया से विरोध मार्च निकल रहा था तब पुलिस ने जब लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े तो ये लोग न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक घर में जा घुसे। पुलिस वाले उनके पीछे गए और उन्हें बाहर निकलने को कहा। उनके साथ पांच लड़कियां भी थी। पांचों लड़कियां उन्हें बचाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो जैसे ही आगे आए पुलिस वालों ने उन्हें खींचकर मारना शुरू कर दिया।

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