दिल्ली में दिवाली से पहले और दमघोंटू हुई हवा, शहर में छाई धुंध की मोटी चादर, सांस लेना हुआ दूभर!

बढ़ते प्रदूषण के बीच राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण को आज अहम फैसला लेना है। एनजीटी आज यह तक कर देगा की दिवाली पर किन शहरों में पटाखे के जलाने पर रोक रहेगी और किसे छूट दी जाएग। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर पटाखों के जलाने पर रोक लग सकती है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिवाली से पहले राजधानी दिल्ली की हवा और दमघोंटू हो गई है। लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। शहर में चारो तरह धुंध की मोटी चादर छाई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार के पार है। आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 484, आईटीओ में 472, मुंडका में 470, ओखला फेज 2 में 465, वरीजपुर में 468 दर्ज किया गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी संगठन वायु गुणवत्ता प्रणाली एवं मौसम पूर्वानुमान और शोध (सफर) ने बताया कि हालात में तब तक सुधार होने की संभावना नहीं है जब तक कि पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी नहीं आती है।

गौरतलब है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब', 301 और 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है। ऐसे में आप अंदाजा लग सकते हैं दिल्ली में हवा की गुणवत्ता कितने खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।


वहीं, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण को आज अहम फैसला लेना है। एनजीटी आज यह तक कर देगा की दिवाली पर किन शहरों में पटाखे के जलाने पर रोक रहेगी और किसे छूट दी जाएग। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी दिवाली के मौके पर पटाखों जलाने पर प्रतिबंध का आदेश जारी कर सकता है। बीते गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने अपना फैसला 9 नवंबर यानी आज के लिए सुरक्षित रख लिया था।

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