11 जून तक तो नहीं मिलेगी उत्तर भारत को गर्मी से राहत, पारा रहेगा 46 के पार

मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना है कि करीब एक सप्ताह में केरल से होते हुए देश के अन्य हिस्सों में मानसून पहुंचेगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा और पंजाब में 11 जून के बाद ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी, जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होगी।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

केरल में मानसून ने दस्तक तो दे दी है, लेकिन देश के ज्यादातर इलाकों में गर्मी का कहर जारी है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच चुका है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में तो तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के भी पार जा चुका है। देश के अन्य हिस्सों में मानसून के पहुंचने पर ही लोगों को बढ़ते तापमान से राहत मिलेगी।

मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि केरल में दस्तक देने के बाद करीब एक सप्ताह में मानसून देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचेगा। इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा और पंजाब में मंगलवार 11 जून तक प्रचंड गर्मी का प्रकोप रहेगा और इसकं बाद ही प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी, जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होगी। वहीं, पूर्वोत्तर में मौसम की स्थिति मानसून के अनुकूल होने से असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश के आसार हैं।


उत्तर औरं मध्य भारत में भीषण गर्मी का असर पश्चिम और दक्षिणी राज्यों के जलाशयों पर भी पड़ा है। इन इलाकों में देश के प्रमुख जलाशयों का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है जिसकी वजह से महाराष्ट्र और राजस्थान सहित आसपास के तमाम सूखा ग्रस्त इलाकों में जल संकट की समस्या गहरा जाती है।

देश का ज्यादातर हिस्सा सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर है। इसलिए इसका बेसब्री से इंतजार किया जाता है। ग्रामीण भारत का अधिकांश हिस्सा सिंचाई के लिए चार महीने के मानसून पर आश्रित रहता है। मानसून सीजन में सालाना बारिश का 75 फीसदी पानी बरसता है। एक अच्छे मानसून का अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि भारत की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


/* */