अब इस राज्य पर लगे कोविड से हुई मौतों के गलत आंकड़े पेश करने के आरोप, एक एनजीओ ने किया दावा
एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा निर्देशों के अनुसार मृत्यु के कारणों के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने का भी आह्वाान किया।
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) अरप्पोर इयक्कम ने मंगलवार को कोविड के घातक परिणामों की भारी रिपोर्टिंग का आरोप लगाते हुए, तमिलनाडु सरकार से ऑडिट करने और मृत्यु संख्या की सही रिपोर्ट करने का आग्रह किया। एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा निर्देशों के अनुसार मृत्यु के कारणों के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने का भी आह्वाान किया।
अरप्पोर इयक्कम ने छह सरकारी अस्पतालों सरकारी राजाजी अस्पताल, मदुरै, कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल, महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, त्रिची, वेल्लोर मेडिकल कॉलेज, करूर मेडिकल कॉलेज और अतिरुपुर सरकारी मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर अपनी अध्ययन रिपोर्ट जारी की।
ये अस्पताल भौगोलिक रूप से तमिलनाडु के उत्तरी, पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी हिस्सों को कवर करते हैं। साल 2019, 2020 और 2021 में इन छह अस्पतालों में जनवरी से मई 2021 के महीनों तक पुरुष और महिला के लिए जारी किए गए मृत्यु प्रमाणपत्रों की संख्या के लिए डेटा एकत्र किया गया था। एकत्र किया गया डेटा 13 जून तक का है। रिपोर्ट के मुताबिक, छह अस्पतालों में मौत के आंकड़ों का पैटर्न एक जैसा है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान परिदृश्य उन लोगों को बहुत प्रभावित करेगा जो मुआवजे के पात्र हैं क्योंकि राज्य सरकार ने कहा है कि मुआवजे का दावा करने के लिए मृत्यु का कारण कोविड होना अनिवार्य है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक इस बड़े पैमाने पर अंडरपोटिर्ंग को ठीक नहीं किया जाता है, तब तक हजारों और हजारों परिवार अपात्र होंगे, भले ही उनके परिवार के सदस्य की कोविड के कारण मृत्यु हो गई हो।
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