कोरोना महामारी में अपनी नाकामी छिपाने में जुटी मोदी सरकार? केंद्र के आदेश पर ट्विटर ने हटाए कोविड से जुड़े ये पोस्ट

केंद्र के आदेश पर ट्विटर द्वारा हटाए गए ज्यादातर पोस्ट कोरोना से जुड़े हुए थे, जिसमें कोरोना पर काबू पाने में केंद्र सरकार की नाकामियों को उजागर किया गया था। इन पोस्ट्स में अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी का भी जिक्र था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश में कोरोना वायरस से मचे कोहरान के बीच केंद्र की मोदी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हालात पर काबू पाने के लिए जो भी जरूरी कदम है उसे उठाए। लेकिन आरोप है कि ठीक इसके उलट सरकार बिगड़े हालात पर पर्दा डालने की कोशिश में जुटी हुई है। सरकार के एक ऐसे ही कदम से सवाल उठ रहे हैं। अंग्रेजी न्यूज़ वेबसाइट ‘दी हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार के आदेश पर ट्विटर ने 50 से ज्याद पोस्ट हटा दिए हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर पोस्ट कोरोना से जुड़े हुए थे, जिसमें कोरोना पर काबू पाने में केंद्र सरकार की नाकामियों को उजागर किया गया था। इन पोस्ट्स में अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी का भी जिक्र था। इन पस्ट्स को भ्रामक बताकर कार्रवाई की गई है।

ट्विटर द्वारा हटाए गए हटाए गए कई पोट में दवा की कमी, बेड, सामूहिक दाह संस्कार, और महामारी के बीच कुंभ मेले में भीड़ एकत्र होने से संबंधित सामग्री थी। जिन पोस्ट को ट्विटर ने हटाया वे भारत में तो नहीं दिखेंगे लेकिन यह पोस्ट भारत के बाहर देखाई देते रहेंगे। बताया जा रहा है कि इस खबर को सबसे पहले प्रौद्योगिकी समाचार वेबसाइट मीडियानामा द्वारा रिपोर्ट की गई थी।

कुछ वेरीफाइड खाते जिनके पोस्ट हटाए गए हैं, उनमें कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेरा, संसद सदस्य रेवंत रेड्डी, पश्चिम बंगाल के एक मंत्री मोलॉय घटक, एबीपी न्यूज के संपादक पंकज झा, अभिनेता विनीत कुमार सिंह, फिल्म निर्माता अविनाश दास और फिल्म निर्माता और लेखक पूर्व पत्रकार विनोद कापड़ी के नाम शामिल हैं।

ट्विटर द्वारा प्राप्त आदेश का विवरण हार्वर्ड विश्वविद्यालय में बर्कमैन क्लेन सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी की एक परियोजना लुमेन डेटाबेस पर डाला गया है जो वेब से सामग्री को हटाने के लिए अनुरोधों का संग्रह और विश्लेषण करता है।

इससे पहले फरवरी में केंद्र सरकार ने ट्विटर से लगभग 1,200 खातों को हटाने के लिए कहा था, जिन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शनों से संबंधित सामग्री पोस्ट की थी।

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