दिल्ली दंगों की निष्पक्ष जांच के लिए राष्ट्रपति से मिला विपक्ष, ज्ञापन सौंप की जांच आयोग की मांग

दिल्ली दंगों की जांच पर सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की। डेलिगेशन में डी. राजा, सीताराम येचुरी, अहमद पटेल, कनिमोझी और मनोज झा शामिल रहे।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

दिल्ली दंगों की जांच को लेकर विपक्षी पार्टियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंप कर दिल्ली दंगों की निष्पक्ष जांच की मांग की। विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच पक्षपातपूर्ण है और कई कार्यकर्ताओं और राजनेताओं को गलत तरीके से फंसाया गया है।

प्रतिनिधिमंडल में डी. राजा, सीताराम येचुरी, अहमद पटेल, कनिमोझी और मनोज झा शामिल रहे। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, "एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इस संबंध में हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है।" वहीं डीएमके नेता कनिमोझी ने कहा, "दिल्ली दंगे को सीएए प्रदर्शन, नेताओं, एक्टिविस्ट से जोड़ा जा रहा है और आम लोगों और छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है।"

दिल्ली दंगों की निष्पक्ष जांच के लिए राष्ट्रपति से मिला विपक्ष, ज्ञापन सौंप की जांच आयोग की मांग

विपक्ष की तरफ से सौंपे गए मेमोरेंडम में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को दिल्ली पुलिस दंगाई बता रही है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी से लेकर कई बुद्धिजीवियों के नाम दिल्ली पुलिस ने जांच में लिए हैं, जो प्रदर्शन में भाषण देने गए थे।

मेमोरेंडम में यह भी कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की जांच एक तरफा है। दंगों के दौरान के कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं। एक वीडियो में दिल्ली पुलिस के कई जवान घायल पड़े फैजान नाम के लड़के को पीटते हुए राष्ट्रगान गाने के लिए कह रहे हैं, जो बाद में मर जाता है।

दिल्ली दंगों की निष्पक्ष जांच के लिए राष्ट्रपति से मिला विपक्ष, ज्ञापन सौंप की जांच आयोग की मांग

मेमोरेंडम में कहा गया है कि भड़काऊ भाषण देने वाले बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा, अनुराग ठाकुर का नाम तक दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में नहीं है। दंगों की जांच में दिल्ली पुलिस ने बीजेपी नेताओं की भूमिका पर आंखों पर पट्टी बांध ली है। वहीं नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले युवाओं को यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार किया है।

दिल्ली दंगों की निष्पक्ष जांच के लिए राष्ट्रपति से मिला विपक्ष, ज्ञापन सौंप की जांच आयोग की मांग

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सांसदों ने कहा है कि दिल्ली पुलिस की जांच पूरी तरह पक्षपात पूर्ण है। विपक्षी सांसदों ने मांग की है कि दिल्ली दंगों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि लोगों का विश्वास कानून और व्यवस्था देखने वाली संस्थाओं पर बना रहे। राष्ट्रपति से पांचों सांसदों ने मांग की है कि दिल्ली दंगों की जांच कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट, 1952 के तहत कराई जाए।

इस बीच दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में फरवरी के दंगों को लेकर 15 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इससे पहले रविवार को मामले के संबंध में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि चार्जशीट में अभी उनका नाम नहीं है।

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Published: 18 Sep 2020, 12:02 AM