संसद शिलान्यास: मोदी के लोकतंत्र पर भाषण को विपक्ष ने लिया आड़े हाथों, कांग्रेस, सीपीएम ने याद दिलाई मर्यादा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के शिलान्यास के मौके पर कहा कि पूरी दुनिया भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी के नाम से जानेंगी। इस पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस और सीपीएम ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। विपक्ष ने कहा है कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं का तो ध्यान रखें

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की नींव रखी। उन्होंने भूमि पूजन के बाद अपने भाषण में कहा कि नया संसद भारतीयता के विचारों वाला होगा। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने लोकतंत्र का गुणगान करेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी ‘इंडिया इज़ मदर ऑफ डेमोक्रेसी’।

प्रधानमंत्री के इस भाषण को विपक्ष ने आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस महासचवि रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि संसद सिर्फ ईंट-पत्थरों से नहीं बनता इसमें संवैधानिक मूल्य शामिल होते हैं। उन्होंने कहा, "संसद लोकतंत्र का प्रतीक है, यह दया और करुणा का प्रतीक है, यह आर्थिक और सामाजिक बराबरी का प्रतीक है। यह 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतीक होता है। इन सभी मूल्यों को रौंद कर बनाई गई इमारत किन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करेगी?"

वहीं सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी पीएम को लोकतंत्र की मर्यादा याद दिलाई है। उन्होंने कहा है कि, "मोदी जी, लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्कृति पर नैतिकता का भाषण दे रहे हैं, जबकि असलियत में वे बेरहमी से लोकतंत्र को कुचल रहे हैं, असहमति की आवाजों को दबा रहे हैं और हमारे युवाओं को अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने से रोक रहे हैं। यह एक दोमुंहापन है।"


इसके अलावा एनसीपी नेता मजीद मेमन ने कहा है जो पैसा संसद भवन के निर्माण पर खर्च हो रहा है उससे अगर आंदोलन कर रहे किसानों की मदद की जाती तो ज्यादा अच्छा होता।

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा था कि देश में 'बहुत ज्यादा लोकतंत्र' के कारण सुधार करने में दिक्कत आ रही है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia