राहुल गांधी का पीएम मोदी पर निशाना, कहा- भारतीय संघर्ष कर रहे और प्रधानमंत्री उनका ध्यान भटकाने में हैं व्यस्त

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को ध्यान भटकाने की कला में महारत हासिल है, लेकिन इससे सर्वकालिक उच्च बेरोजगारी दर, 30 साल के उच्च थोक सूचकांक और एलआईसी से जुड़ी ‘अवमूल्यन’ विपदाओं पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है।

फोटो: सोशल मीडिला
फोटो: सोशल मीडिला
user

नवजीवन डेस्क

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशान साधा है। उन्होंने कहा कि जब भारतीय संघर्ष कर रहे हैं, तब पीएम मोदी ध्यान भटाने की अगली योजना बनाने में जुटे हुए हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को ध्यान भटकाने की कला में महारत हासिल है, लेकिन इससे सर्वकालिक उच्च बेरोजगारी दर, 30 साल के उच्च थोक सूचकांक और एलआईसी से जुड़ी ‘अवमूल्यन’ विपदाओं पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री को ध्यान भटकाने की कला’ में हासिल महारात इन विपदाओं को छिपा नहीं सकता, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 78 पर, एलआईसी का 17 अरब डॉलर का अवमुल्यन, डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 30 वर्ष के उच्चतम स्तर पर, बेरोजगारी दर सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर, डीएचएलएफ द्वारा अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी।”


इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार को कहा था कि भारत के आज तक के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के तार बीजेपी से जुड़े हैं। कांग्रेस ने कहा कि जिस डीएचएफएल नाम की कंपनी ने 17 बैंकों को कंसोर्शियम को 34,000 करोड़ का चूना लगाया है उसका बीजेपी के साथ गहरा संबंध है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में पूरे मामले को सामने रखते हुए बताया कि किस तरह डीएचएफएल अलग-अलग वर्षों में बीजेपी को करोड़ों का चंदा देती रही। सुप्रिया श्रीनेत ने पूरे मामले की समयरेखा सामने रखी। उन्होंने बताया कि, 2010 से 2018 के बीच यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों को कंसोर्शियम ने डीएचएफएल को करीब 42,000 करोड़ का कर्ज दिया। डीएचएफएल एक नॉन बैंकिंग कंपनी है जो बड़े बैंकों से कर्ज लेकर ग्राहकों को छोटे-छोटे लोन देती थी। लेकिन इस कंपनी ने धीरे-धीरें बैंकों को कर्ज लौटाना बंद कर दिया।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जब डिफॉल्ट शुरू हुआ तो बैंकिंग कंसोर्शियम ने स्पेशल ऑडिट कराया। इसमें 2015 से 2019 के बीच के लेनदेन की जांच की गई तो सामने आया कि डीएचएफएल ने बड़े तौर पर धोखाधड़ी की थी। कंपनी ने अपने खातों में गड़बड़ी की, राउंड ट्रिपिंग ऑफ फंड की और पैसे का इस्तेमाल डीएचएफएल के प्रोमोटर कपिल और दिनेश वधावन ने निजी संपत्ति बनाई।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 26 Jun 2022, 12:02 PM