कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग के वकील ने दिया इस्तीफा, कहा- मेरे मूल्यों से मेल नहीं खाते

चुनाव आयोग के कानून निदेशक को संबोधित पत्र में डी राम ने कहा है कि भारत के चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए एक सम्मान की बात थी। मैंने करियर में कई माइलस्टोन प्राप्त किए। लेकिन वर्तमान में आयोग की कार्यशैली मेरे मूल्यों के अनुरूप नहीं रही है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनाव आयोग के लिए पोल पैनल में शामिल वकील मोहित डी.राम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चुनाव आयोग को भेजे अपने इस्तीफे में वकील डी राम ने आयोग की वर्तमान कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये मेरे मूल्यों के अनुरूप नहीं है, इसलिए खुद को अलग कर रहा हूं।

6 मई को चुनाव आयोग के कानून के निदेशक को संबोधित पत्र के अनुसार डी राम ने कहा, "भारत के चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए एक सम्मान की बात थी। मैंने करियर में कई माइलस्टोन प्राप्त किए। मेरी यात्रा भारत के निर्वाचन आयोग के स्टैंडिंग काउंसिल के कार्यालय से शुरू हुई और आयोग के एक पैनल काउंसिल तक आगे बढ़ी।"


पत्र में राम ने आगे कहा, "हालांकि, मैंने पाया है कि चुनाव आयोग का वर्तमान कामकाज मेरे मूल्यों के अनुरूप नहीं है और इसलिए मैं भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष आयोग के पैनल के काउंसिल की जिम्मेदारियों से खुद को हटा रहा हूं।" राम ने कहा कि वह अपने कार्यालय के साथ सभी लंबित मामलों की फाइलों, एनओसी और वकालतनामाओं के निर्बाध परिवर्तन को सुनिश्चित करेंगे।

बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की एक याचिका को फटकार लगाते हुए खारिज कर दिया था, जिसमें अदालती कार्यवाही के दौरान न्यायाधीशों द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों की रिपोर्टिग को रोकने की मांग की गई थी। हालांकि, राम इस मामले का हिस्सा नहीं थे। इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने भी चुनाव आयोग पर काफी सख्त टिप्पणी की थी।

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