कश्मीरी पंडितों के लिए राजीव गांधी ने किया था संसद घेराव, BJP फिल्म की आड़ में विफलता नहीं छिपा सकती- कांग्रेस

'द कश्मीर फाइल्स' पर बीजेपी की राजनीती पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह एक फिल्म की आड़ में अपनी विफलता नहीं छिपा सकती है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और बीजेपी राजनीतिक लाभ के लिए झूठ गढ़ रहे हैं लेकिन पीड़ितों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

कश्मीर पंडितों के पलायन की कहानी के नाम पर राजनतिक एजेंडे पर बनाई गई निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। फिल्म की रिलीज के बाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके समर्थक कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस को निशाना बना रहे हैं। हालांकि, सच ये है कि उस समय राज्य में राज्यपाल शासन था और केंद्र में बीजेपी के ही समर्थन से चल रही वी पी सिंह की सरकार थी।

बीजेपी की इस राजनीती पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि वह एक फिल्म की आड़ में अपनी विफलता को छिपा नहीं सकती है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि उन्होंने फिल्म देखी है और यह अधूरे सच को दिखाती है। उनका कहना है कि बीजेपी इसे मुद्दा बना रही है।

कांग्रेस का दावा है कि कश्मीरी पंडितों के कल्याण का अधिकांश काम पार्टी ने ही किया है और पार्टी इस मुद्दे पर सबसे मुखर रही है। कांग्रेस ने कहा है कि वह कश्मीरी पंडितों के दुख को साझा करती है। पार्टी ने कहा कि इंदिरा गांधी के समय प्रधानमंत्री कार्यालय में कश्मीरी पंडितों को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया। पार्टी द्वारा कश्मीर के मुद्दे पर लिये गये किसी भी फैसले पर माखन लाल फोतेदार जैसे लोगों की राय को अंतिम तक महत्व दिया जाता रहा था।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वह राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने पलायन के समय संसद का घेराव किया था और सरकार से आग्रह किया था कि वह पीड़ितों की मदद करे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। वह तकलीफ में थे क्योंकि उनका परिवार वहीं से आया था। उस वक्त केंद्र में सरकार किसकी थी ? बीजेपी के समर्थन से वीपी सिंह सत्ता में थे।


सुरजेवाला ने बताया कि 2004 से 2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान 4,241 आतंकवादियों को मार गिराया गया। उस अवधि में कश्मीरी पंडितों को पीएम पैकेज के रूप में 3,000 नौकरियां दी गईं, 5,911 ट्रांजिट हाउस बनाए गए जबकि बीजेपी के आठ साल के शासन में केवल 520 नौकरियां दी गईं और 100 ट्रांजिट हाउस बनाए गए। बीजेपी सिर्फ पुराने घावों को कुरेद रही है लेकिन कुछ कर नहीं रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं लेकिन कुछ नहीं कर रहे हैं।

फिल्म की रिलीज के बाद से ही कश्मीरी पंडितों का मुद्दा गरमा गया है और प्रधानमंत्री के इस बारे में बोलने के बाद से यह और सुर्खियों में आ गया है। प्रधानमंत्री ने 15 मार्च को कहा था कि इस तरह की फिल्में बनाने की जरूरत है ताकि लोगों को सच्चाई का पता चल सके। उन्होंने कहा कि बहुत लंबे समय से देश से सच्चाई छिपाने की कोशिश की जा रही है और लोगों के सामने सच्चाई को सामने लाने के लिये 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्में बनाने की जरूरत है।

वहीं, बीजेपी के एक सांसद ने प्रधानमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि देश के सामने सच को सही रूप में लाया जाना चाहिए। कश्मीर फाइल्स में सच्चाई की जीत हुई है। एक अन्य सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने फिल्म की सराहना करते हुए पार्टी के सभी सांसदों से इसे देखने की अपील की। यह भी पता चला है कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता काबिगुल बजाने वालों ने ही सच्चाई को दबाने की कोशिश की ।

हालांकि, ऐतिहासिक तथ्य यह है कि कश्मीरी पंडितों का पलायन जिस समय शुरू हुआ, उस समय राज्य में राज्यपाल शासन था और केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी, जो बीजेपी के समर्थन पर टिकी हुई थी। इतना ही नहीं, वी पी सिंह सरकार में गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद बाद में बीजेपी के समर्थन से राज्य में मुख्यमंत्री भी बने और केंद्र में एनडीए सरकार में भी रहे। बाद में उनके निधन के बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने भी बीजेपी के साथ ही मिलकर राज्य में सरकार चलाई। लेकिन इस पूरे दौरान बीजेपी को कभी कश्मीरी पंडितों की सूध नहीं आई।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


/* */