एनआरसीः राज्यसभा में निदान की बजाय राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर फोड़ा ठीकरा

असम में एनआरसी के अंतिम मसौदे को लेकर विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा है कि यह ड्राफ्ट असम समझौते के तहत ही बनाया गया है और इसमें किसी के साथ भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) मुद्दे पर फिर से पुराना राग अलापा है। एनआरसी मुद्दे पर कोई रास्ता निकालने की बात करने के बजाय राजनाथ सिंह ने पूरे मामले को लेकर विपक्ष पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की। राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया में किसी तरह का भेदभाव और अनावश्यक उत्पीड़न नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। हालांकि उनके बातों में कुछ भी नया सुनने को नहीं मिला। इससे पहले भी वह इस बात को दोहरा चुके हैं।

राज्यसभा में इस मुद्दे गृह मंत्री ने कहा कि सरकार समयबद्ध तरीके से प्रक्रिया को पूरा करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंनेकहा, “मैं दोहरा रहा हूं कि यह अंतिम एनआरसी नहीं है। यह सिर्फ एनआरसी मसौदा है। सभी को दावों और आपत्तियों के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किया जाएगा। इसके बावजूद अगर किसी का नाम सूची से बाहर रहता है, तो वह विदेशी न्यायाधिकरण से संपर्क कर सकता है।” उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि किसी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।

हालांकि, एनआरसी को लेकर असम में लोगों के बीच जो असमंजस की स्थिति पैदा हुई है उसका निदान करने की बजाए राजनाथ सिंह ने उल्टे विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि विपक्ष के लोग लोगों के बीच डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। राजनाथ ने आगे कहा, “यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। सामुदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। मैं सभी से सहयोग की उम्मीद करता हूं।” लेकिन सवाल यह उठता है कि एनआरसी ड्राफ्ट जारी होने के बाद सबसे ज्यादा बीजेपी के नेताओं और मंत्रियों ने एनआरसी ड्राफ्ट से बाहर हुए लोगों को घुसपैठिया करार दिया है।

इससे पहले राजनाथ सिंह ने बताया कि एनआरसी अपडेट करने का कार्य पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी, गैर भेदभावपूर्ण और कानूनी तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कुछ विपक्ष के भेदभाव के आरोपों पर कहा, “पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में की जा रही है। कोर्ट नियमित आधार पर कार्य की निगरानी भी कर रहा है। किसी को भी परेशान नहीं किया जाएगा। कोई भेदभाव नहीं हुआ है और कोई भेदभाव नहीं होगा।”

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