बिहार में नीतीश के मंत्रियों के रिश्तेदार चला रहे सरकार! अब मंत्री की जगह बेटा पहुंचा योजना का निरीक्षण करने

बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री रामप्रीत पासवान के बेटे के पूर्णिया के कई पंचायतों में नल-जल योजना का निरीक्षण करने जाने के मामले पर विवाद खड़ा हो गया है। आज विपक्ष ने विधानसभा और विधान परिषद दोनों इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार में पिछले साल नवंबर में जब से नई नीतीश सरकार बनी है, तब से ही किसी न किसी विवाद में फंसी हुई है। विपक्ष भी लगातार इन मुद्दों पर सरकार को विधानसभा से लेकर सड़कों पर निशाने पर लिए हुए है, जिससे सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। हाल में मंत्री मुकेश सहनी की जगह उनके भाई के एक सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन करने का विवाद अभी थमा भी नहीं कि अब एक और मंत्री के बेटे के नल-जल योजना का निरीक्षण करने पहुंचने का मामला सामने आया है, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है।

खबरों के अनुसार आरोप है कि हाल में बिहार सरकार में मंत्री रामप्रीत पासवान की जगह उनके बेटे पूर्णिया जिले की कई पंचायतों में नल-जल योजना का निरीक्षण करने पहुंचे थे। मंत्री के बेटे के इस कारनामे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोर रही हैं, जिसे लेकर मंगलवार को विपक्ष ने विधानमंडल के दोनों सदनों में सरकार पर जमकर हमला बोला।

मंगलवार को बिहार विधानमंडल में विपक्ष ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। विधान परिषद में आज शून्यकाल की शुरुआत होते ही कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने इस बारे में एक अखबार की खबर दिखाते हुए सरकार से जवाब मांगा। लेकिन सत्ता पक्ष के दबाव में सवाल नहीं पूछने से रोक दिया गया। इससे नाराज कांग्रेस और आरजेडी के सदस्य अखबार लेकर वेल में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे।

वहीं, इस दौरान सदन में मौजूद मंत्री रामप्रीत पासवान ने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि उनका बेटा उनके साथ गया था, इसमें किसी को क्या आपत्ति है? हालांकि, इसके बाद भी हंगामा बढ़ने पर विधान परिषद के सभापति ने विपक्षी नेताओं को सीट पर जाने और इस सवाल को पूछने के लिए उचित समय देने की बात कही।

उधर विधानसभा में भी इस मुद्दे को लेकर सदन का माहौल गर्माया रहा। आरजेडी विधायक ललित यादव ने जैसे ही इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की तो विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे को उठाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक को नियमावली के तहत किसी मंत्री या सदस्य पर आरोप लगाने के लिए पुख्ता सबूतों के साथ अध्यक्ष को पहले से लिखित में सूचना देने की सलाह दी।

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