बिहार में 23 मार्च को विधानसभा के घेराव में जुटी आरेजेडी, तेजस्वी ने संभाला मोर्चा, लोगों से की अपील

तेजस्वी ने इसमें सभी से भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि जब तक बिहार के करोड़ों युवाओं, छात्रों, बेरोजगारों और संविदाकर्मियों को उनका हक नहीं मिल जाता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। 23 मार्च को युवाओं के साथ मिलकर हम पटना में विधानसभा का घेराव करेंगे।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव बेरोजगारी सहित विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को लेकर लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। इसी बीच अब उन्होंने 23 मार्च को बिहार विधानसभा के घेराव की घोषणा की है। खुद तेजस्वी 23 मार्च के घेराव की तैयारी में जुट गए हैं।

तेजस्वी ने इस आयोजन में सभी लोगों से भाग लेने की अपील करते हुए कहा, "जब तक बिहार के करोड़ों युवाओं, छात्रों, बेरोजगारों और संविदाकर्मियों को उनका हक नहीं मिल जाता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। 23 मार्च को युवाओं के साथ मिलकर हम पटना में विधानसभा का घेराव करेंगे। आइए जात-पात, धर्म-पार्टी से ऊपर उठकर हम बेरोजगारी के खिलाफ आवाज बुलंद करें।"

तेजस्वी ने अपने अधिाकरिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "मेरा बिहार के युवाओं को पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख स्थायी नौकरी देने का संकल्प था। सत्ता का दुरूपयोग कर इन्होंने हमें रोका लेकिन मेरे इरादों को नहीं रोक पाएंगे। सड़क से सदन तक बेरोजगारों के लिए संघर्षरत हूं। सरकार सीधा जवाब नहीं देती कि कितने लाख पद रिक्त हैं और कब भरेंगे?"

इधर, आरजेडी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जानकारी देते हुए लिखा है, "सो रही है सरकार, संवेदनहीन हैं नीतीश कुमार, अब और नहीं सह सकता बिहार, अनदेखी का यह अत्याचार! युवाओं, बेरोजगारों, संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों और बहाली की मांग कर रहे अभ्यर्थियों। 23 मार्च के विधानसभा घेराव का हिस्सा बनकर सरकार को युवाओं की ताकत का अहसास करवाएं।"

वहीं, आरजेडी के एक नेता ने बताया कि तेजस्वी खुद इस तैयारी की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनसरोकार के मुद्दे पर विधानसभा के प्रस्तावित घेराव को आरजेडी यादगार बनाने की तैयारी में जुटी हुई है। प्रदेश से लेकर पंचायत स्तर तक जागृति अभियान चलाया जा रहा है। इसमें लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में रोजगार बड़ा मुद्दा बना था। तेजस्वी यादव ने 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, जबकि बीजेपी ने 19 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही थी। चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे आरजेडी के नेता तेजस्वी किसी न किसी मुद्दे को लेकर सरकार को घेर रहे हैं।

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