वसूली, फर्जी सर्टिफिकेट के आरोपों में घिरे समीर वानखेड़े, NCB ने आंतरिक जांच के दिए आदेश, टीम मुंबई के लिए रवाना

एनसीबी टीम प्रभाकर शैल द्वारा वानखेड़े पर लगाए आरोपों की जांच करेगी, जो मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में गवाह है। प्रभाकर ने आरोप लगाया है कि एनसीबी के कुछ अधिकारी और कुछ अन्य लोग मिलकर आर्यन खान को छोड़ने के लिए शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। एक के बाद एक उनके ऊपर लग रहे रहे आरोपों के बाद अब उनके खिलाफ इंटरनल इंक्वायरी का आदेश जारी कर दिया गया है। विभागीय जांच का यह आदेश नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी ने जारी किया है। इसके लिए एनसीबी की तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है, जिसमें एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह और 2 निरीक्षक स्तर के अधिकारी शामिल हैं।

एनसीबी की तीन सदस्यीय टीम प्रभाकर शैल द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की जांच करेगी, जो मुंबई के ड्रग्स-ऑन-क्रूज़ मामले में गवाह है। रविवार को प्रभाकर शैल जो कि क्रूज ड्रग्स केस में स्वतंत्र गवाह है, उसने आरोप लगाया कि एनसीबी के कुछ अधिकारी और कुछ अन्य लोग मिलकर आर्यन खान को छोड़ने के लिए शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की मांग कर रहे थे। प्रभाकर ने यह भी कहा कि एनसीब ने उससे 9-10 कोरे कागजों पर साइन कराए थे।


दरअसल प्रभाकर शैल केपी गोसावी का पर्सनल बॉडीगार्ड है, जो इस केस में स्वतंत्र गवाह है और इस समय 'गायब' है। प्रभाकर रेड वाले दिन गोसावी के साथ ही था। प्रभाकर ने आरोप लगाया कि एनसीबी, गोसावी और सैम डिसूजा नाम के शख्स ने शाहरुख के बेटे को छोड़ने के नाम पर 25 करोड़ की मांग की थी। प्रभाकर ने कहा था कि उसने गोसावी को डिसूजा से फोन पर बात करते सुना था। इसमें गोसावी ने 25 करोड़ रुपये की डील के बारे में डिसूजा से चर्चा की थी। फिर बात 18 करोड़ में सेटल हो गई थी। इसमें से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को दिए जाने थे, जो कि इस ड्रग्स छापे में प्रमुख थे।

वसूली के आऱोपों में घिरे वानखेड़े की मुश्किलें उस समय बढ़ गईं, जब सोमवार को नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि आईआरएस अफसर बनने के लिए समीर वानखेड़े ने फर्जी कागजात का इस्तेमाल किया, जिसके लिए कथित तौर पर धर्म का फर्जी सर्टिफिकेट भी बनवाया गया। मलिक ने एक बर्थ सर्टिफिकेट और शादी की फोटो शेयर की, जिसे कथित तौर पर समीर का बताया गया। इसमें धर्म की जगह पर 'मुस्लिम' लिखा है। नवाब मलिक ने समीर पर फर्जी जाति सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी लेने का आरोप लगाया है।


वहीं इन आरोपों के बाद समीर वानखेड़े ने आज बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि नवाब मलिक ने मेरे से संबंधित कुछ दस्तावेज प्रकाशित किए हैं। ट्विटर हैंडल पर आरोप लगाया कि समीर दाऊद वानखेड़े का शुरू हुआ फर्जीवाड़ा। इस संदर्भ में मैं यह कहना चाहता हूं कि मेरे पिता स्व. ज्ञानदेव काचरूजी वानखेड़े 30.06.2007 को राज्य आबकारी विभाग, पुणे के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए। मेरे पिता एक हिंदू हैं और मेरी मां स्वर्गीय श्रीमती जाहिदा एक मुस्लिम थीं। मैं सच्ची भारतीय परंपरा में एक समग्र, बहुधार्मिक और धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखता हूं और मुझे अपनी विरासत पर गर्व है। इसके अलावा, मैंने 2006 में डॉ. शबाना कुरैशी से स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 के तहत शादी की।

उन्होंने आगे कहा कि हम दोनों ने साल 2016 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत सिविल कोर्ट के जरिए आपस में तलाक ले लिया। इसके बाद साल 2017 में मैंने शियामती क्रांति दीनानाथ रेडकर से शादी की। ट्विटर पर मेरे निजी दस्तावेजों का प्रकाशन मानहानिकारक प्रकृति का है और मेरे परिवार की निजता पर अनावश्यक आक्रमण है। इसका उद्देश्य मुझे, मेरे परिवार, मेरी दिवंगत मां और मेरे पिता को बदनाम करना है। पिछले कुछ दिनों में माननीय मंत्री जी के कृत्यों की श्रृंखला ने मुझे और मेरे परिवार को अत्यधिक मानसिक और भावनात्मक दबाव में डाल दिया है। व्यक्तिगत, मानहानिकारक और निंदनीय हमलों की प्रकृति से मैं आहत हूं।

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