श्रीनगरः अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीडीपी की पहली बैठक नाकाम, नेताओं को घरों से बाहर निकलने से रोका गया

पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला है, जिसमें पुलिस उन्हें बैठक में जाने से रोकते दिखाई दे रही है। अख्तर ने लिखा कि यहां तक कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार कह रही है कि हम आजाद हैं, लेकिन हकीकत में हम अभी भी नजरबंद हैं।

फोटोः स्क्रीनशॉट
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आईएएनएस

जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की गुरुवार को होने वाली बैठक को पुलिस ने नहीं होने दिया। पुलिस ने पीडीपी के कई नेताओं के घर से बाहर निकलने पर ही रोक लगा दी। पीडीपी के महासचिव जी.एन. लोन हंजुरा ने श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय पर ये बैठक गुरुवार को बुलाई थी। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पीडीपी की ये पहली बैठक होने वाली थी।

पार्टी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला है जिसमें पुलिस उन्हें मीटिंग के लिए जाने से रोकते हुए दिखाई दे रही है। साथ में अख्तर ने लिखा, “सरकार कह रही है कि हम सब स्वतंत्र हैं। यहां तक कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार ने ये बात कही है, लेकिन हकीकत में हम लोग अभी भी नजरबंद हैं और वो भी बिना किसी सरकारी आदेश के। मुझे और मेरे साथियों को आज पीडीपी की बैठक में जाने से रोका गया।”

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी अपनी मां के ट्विटर अकाउंट से लिखा, “ये शर्मनाक है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने हमारी पार्टी के नेताओं को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। ये लोग अदालत में झूठ बोलते रहते हैं कि हमें यहां पूरी स्वतंत्रता है और हम जहां चाहें जा सकते हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट है, हमें बाहर जाने से रोक दिया जाता है।

पीडीपी के नेता वहीद उर रहमान ने कहा, “एक साल से हम बंदी में हैं। हमें कहा गया कि हम स्वतंत्र हैं, लेकिन जब हम पार्टी बैठक के लिए जाने लगे तो कहा गया कि नजरबंद हैं। पुलिस और सरकार की इस कार्रवाई से राज्य में लोकतंत्र को लेकर भी सवाल खड़ा होता है। यह बेहद गंभीर मामला है।

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