लखीमपुर हिंसा केस को लेकर UP सरकार से सुप्रीम कोर्ट नाराज, स्टेटस रिपोर्ट और गवाही को लेकर उठाए सवाल

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने यूपी सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा, हम कल रात एक बजे तक इंतजार करते रहे। आपकी स्टेटस रिपोर्ट हमें अभी मिली है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई है। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले की अदालत की निगरानी में जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई CJI एनवी रमना , जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ कर रही है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी पर यूपी सरकार को फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने यूपी सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा, हम कल रात एक बजे तक इंतजार करते रहे। आपकी स्टेटस रिपोर्ट हमें अभी मिली है। आपको कम से कम 1 दिन पहले फ़ाइल करनी चाहिए थी। यूपी सरकार का पक्ष रख रहे हरीश साल्वे ने कहा, हमने प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। आप मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दीजिए। कोर्ट ने यूपी सरकार की ये मांग ठुकरा दी और कहा कि ये उचित नहीं होगा।

 गवाही और गवाहों को लेकर यूपी सरकार से सवाल

चीफ जस्टिस ने घटना की गवाही को लेकर भी यूपी सरकार पर सावल उठाए। सीजीआई ने यूपी सरकार से पूछा कि अभी तक आपने 4 लोगों की गवाही ली, लेकिन बाकी लोगों की क्यों नहीं। इस पर यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए साल्वे ने कहा कि फिलहाल प्रक्रिया चल रही है।साल्वे ने कहा कि दो अपराध हैं। एक मामला किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का और दूसरा लिंचिंग का। साल्वे ने कोर्ट को बताया कि पहले मामले में दस लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि कितने लोग न्यायिक हिरासत और कितने पुलिस हिरासत में हैं ? यूपी सरकार की ओर से बताया गया है कि 4 आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और 6 आरोपी पहले पुलिस हिरासत में थे अब न्यायिक हिरासत में हैं।


जल्द से जल्द 164 का बयान दर्ज कराए पुलिस: कोर्ट

कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि बाकी आरोपी जो इस समय न्यायिक हिरासत में हैं, क्या उनकी पुलिस हिरासत की जरूरत नहीं है? यूपी सरकार ने कहा कि 70 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। यूपी सरकार ने कहा कि क्राइम सीन को रिक्रिएशन ही चुकी है। उनसे पूछताछ भी हो चुकी है। कोर्ट ने पूछा कि पीड़ितों के मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान का क्या हुआ। आप पुलिस से कहिए कि जल्द से जल्द 164 यानी मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराएं। चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। इस मामले में अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।

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Published: 20 Oct 2021, 1:18 PM