सिंघु बॉर्डर पर दो IPS अधिकारी कोरोना पॉजिटिव, इसे आधार बनाकर किसानों को हटाने का रास्ता तैयार करेगी मोदी सरकार?

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर से अहम खबर सामने आई है। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस बल का नेतृत्व कर रहे एक डीसीपी और एडीसीपी कोरोना वायरस पॉजिटिव आए गए हैं। यह जनकारी दिल्ली पुलिस ने दी है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

हैदर अली खान

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान अड़े हुए हैं। सरकार का प्रस्ताव ठुकराने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। किसानों के आंदोलन का आज 16वां दिन है। अब तक मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए कोई भी बेहतर कदम नहीं उठा पाई है। उल्टे किसानों पर आंदोलन खत्म करने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर वह कौन सा रास्ता होगा जिसके जरिए मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को खत्म कराएगी? आखिर मोदी सरकार किस चीज का इतंजार कर रही है?

किसानों के आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर से अहम खबर सामने आई है। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस बल का नेतृत्व कर रहे एक डीसीपी और एडीसीपी कोरोना वायरस पॉजिटिव आए गए हैं। यह जनकारी दिल्ली पुलिस ने दी है। गौर करने वाली बात यह है कि सिंघु बॉर्डर पर किसान कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर वही जगह है जहां से किसान अब तक आंदोलन की रणनीति तय करते आए हैं। यहीं पर किसानों बैठकें भी होती हैं। यहीं से किसान अब तक अपनी रणनीति की घोषणा करते आए हैं। कुल मिलाकर किसानों के आंदोलन के लिहाज से सिंघु बॉर्डर काफी अहम है।


सवाल यह कि क्या मोदी सरकार कोरोना वायरस को कारण बताकर किसानों के आंदोल को खत्म करने की तैयारी कर रही है? सवाल यह भी है कि क्या सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस के दो आईपीएस अधिकारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के मामले को भी किसानों को यहां से हटाने का आधार बनाया जाएगा? यह सवाल बेहद अहम हैं। क्योंकि कोरोना का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी लगाई गई, जिसमें रास्ते खुलवाने की मांग की गई है। कुछ दिन पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे 170 से ज्यादा किसान बुखार और खांसी से पीड़ित पाए गए। यह भी कहा गया था कि यहां लगे कैंपों में हजारों किसान दवा ले रहे हैं। ऐसे में सवाल यह कि क्या इन सभी रिपोर्ट और मौजूदा दो आईपीस अधिकारियों को आधार बनाकर दिल्ली की समाओं को खाली कराने का रास्ता मोदी सरकार बनाने की तैयारी में है? जाहिर किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं, सरकार फिलहाल झुकने को तैयार नहीं है। ऐसे में किसानों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए सरकार तीसार रास्ता जरूर ढूंढ रही होगी।

इससे पहले शाहीन बाग में भी आंदोलन को खत्म कराने के लिए सरकार ने कोरोना वायरस को ही ढाल बनाया था। दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन को खत्म कर दिया गया था। कोरोना वायरस को खतरा बताकर आंदोलन को जबरन खत्म कराया गया था। कोरोना का खतरा बताते हुए दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के टेंट जबरन उखाड़ कर रास्ता खाली करा दिया था। आज भी कोरोना को लेकर देश में हालात बदले नहीं हैं। कोरोना के बीच दिल्ली के सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia