यूपी: कांग्रेस ने शुरू किया किसान जनजागरण अभियान, प्रियंका बोलीं- हर मोर्चे पर बीजेपी ने अन्नदाता को छला

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जानकारी देते हुए कहा कि यूपी कांग्रेस कमेटी ने किसान जनजागरण अभियान शुरू किया है। देश का अन्नदाता हमारी प्राथमिकता है। यूपी की बीजेपी सरकार ने किसानों के साथ हर मोर्चे पर छल किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने किसान जनजागरण अभियान की शुरुआत की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस अभियान की शुरुआत की जानकारी देते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि देश का अन्नदाता हमारी प्राथमिकता है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, “यूपी कांग्रेस कमेटी ने किसान जनजागरण अभियान शुरू किया है। देश का अन्नदाता हमारी प्राथमिकता है। यूपी की बीजेपी सरकार ने किसानों के साथ हर मोर्चे पर छल किया है। आज किसान को फसल का दाम नहीं मिलता। खेती की लागत बढ़ गई है।”


उन्होंने आगे कहा, “दूसरी तरफ आवारा पशुओं के कहर से किसान परेशान है। हर जगह के किसानों की फसल आवारा पशु रौंद देते हैं और किसान को कोई मुआवजा तक नहीं मिलता। कांग्रेस पार्टी इस पूरे अभियान के जरिए किसानों के हक की आवाज को मजबूत करेगी।”

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने गुरुवार को कहा था, “किसान जनजागरण अभियान अगले 40 दिनो तक चलेगा। इस अवधि में 55 लाख किसान परिवारों समेत दो करोड़ 72 लाख लोगों से संवाद किया जायेगा। प्रदेश का हर पांचवा ग्रामीण परिवार अभियान का हिस्सा होगा।”

उन्होंने कहा था, “25 हजार कांग्रेस कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर किसानों से सम्पर्क करेंगे। इस दौरान 12 हजार से अधिक नुक्कड़ सभायें आयोजित की जायेंगी जबकि ब्लाक स्तर से लेकर लखनऊ तक सरकार को घेरने के लिये 800 से अधिक धरना प्रदर्शन किये जायेंगे।”


गौरतलब है कि कांग्रस किसानों के मुद्दे को हमेशा जोर शोर से उठाती है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी की किसान विरोधी नीतियों से किसान परेशान है। आवारा पशुओं के आतंक से पूरा प्रदेश का किसान परेशान हैं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा था, “प्रदेश में लगातार बिजली का बिल बढ़ाया जा रहा है। कर्जमाफी के नाम पर किसानों को बीजेपी सरकार ने छला है। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं हुआ। योगी सरकार में गन्ने का एक रुपया दाम नहीं बढ़ा। धान खरीद के नाम पर सरकार और बिचौलियों की साठ-गांठ के चलते किसान 1400-1500 रूपये में धान बेंचने को मजबूर है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार के बाद भी सरकार ने एक पैसा किसानों को मुआवजा नहीं दिया।”

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Published: 07 Feb 2020, 11:02 AM
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