UP: योगी के मंत्री सचान अपनी सजा की फाइल लेकर अदालत से फरार! कोर्ट, पुलिस-प्रशासन में हड़कंप, जानें क्या है पूरा मामला

मंत्री राकेश सचान से पुलिस ने एक अवैध हथियार बरामद किया था। इस मामले में सचान के खिलाफ सशस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ था। इस मामले (729/1991) में शनिवार को कानपुर की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट-3 की अदालत ने सचान को दोषी करार दिया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान पर अदालत से अपनी सजा से जुड़ी आदेश की फाइल लेकर भागने का आरोप लगा है। कानपुर की कोर्ट ने शनिवार को राकेश सचान को एक मामले में दोषी करार दिया था। अदालत सजा सुनाती उससे पहले ही मंत्री जी अपने वकील की मदद से आदेश की मूल प्रति लेकर फरार हो गए। अब कोर्ट की पेशकार ने मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कोतवाली में एक तहरीर दी है।

क्या है पूरा मामला?

वर्ष 1991 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के नेता और मौजूदा योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान से पुलिस ने एक अवैध हथियार बरामद किया था। इस मामले में सचान के खिलाफ सशस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ था। इस मामले (729/1991) में शनिवार को कानपुर की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट-3 की अदालत ने सचान को दोषी करार दिया था। अदालत से राकेश सचान को सजा सुनाया जाना था। इससे पहले बचाव पक्ष को सजा पर बहस शुरू करने को कहा गया। इस बीच पता चला कि राकेश सचान दोषसिद्धि आदेश की फाइल लेकर ही अदालत से फरार हो गए हैं। इसके बाद पूरे कोर्ट और पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया।


आरोप पर मंत्री राकेश सचान ने क्या कहा?

मंत्री राकेश सचान के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल राकेश सचान बीमार होने की वजह से ले फाइल ले गए। वहीं, मंत्री जी ने दावा किया कि केस में तारीख मिलने वाली थी, इसलिए वह अदालत से फाइल लेकर चले गए। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसले के लिए कोई मामला सूचीबद्ध नहीं था। सचान ने गुपचुप तरीके से अदालत कक्ष छोड़ने के आरोपों से इनकार किया है।

पूरे मामले पर पुलिस ने क्या कहा?

मंत्री जी पर गंभीर आरोप है। मामला कोर्ट से आदेश की फाइल लेकर फरार होने से जुड़ा है। मामला मंत्री से जुड़ा होने के कारण पुलिस पहले कुछ भी बोलने से बच रही थी। बाद में जॉइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि कोर्ट की रीडर कामिनी की तरफ से शिकायती आवेदन मिला है। इस मामले में जांच के बाद हम एक्शन लिया जाएगा। मामले की जांच कोतवाली एसीपी को सौपी गई है। मंत्री जी पर एफआईआर कब दर्ज होगी? पुलिस अधिकारी ने इस पर कोई साफ-साफ जवाब नहीं दिया।

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