महाराष्ट्र में क्यों नहीं बनी बीजेपी सरकार, फड़णवीस या मोदी-शाह हैं जिम्मेदार! संघ ने शुरु की पड़ताल

महाराष्ट्र में जनादेश तो बीजेपी-शिवसेना को मिला था, फिर सरकार क्यों नहीं बन पाई? हर बार रूठकर मान जाने वाली शिवसेना इस बार ज़िद पर क्यों अड़ गई? आरएसएस ने इन सवालों की पड़ताल शुरु कर दी है और इस बारे में बीजेपी से जवाब तलब किया जा सकता है।

फोटो : सोशल मीडिया
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महाराष्ट्र में जनादेश के बावजूद सरकार बनाने में बीजेपी के झटका खा जाने के बाद अब बीजेपी-संघ की कोआर्डिनेशन कमेटी इस पूरे घटनाक्रम की पड़ताल कर रही है। कई सवालों के जवाब ढूंढे जा रहे हैं। मसलन, हर बार रुठकर मान जाने वाली शिवसेना से बात इस बार इतनी कैसे बिगड़ गई?

हिंदुत्व की समान विचारधारा पर आधारित होने पर भी दोनों दलों में इतनी दूरी कैसे हुई कि विरोधी दलों के साथ सरकार बनाने की मजबूरी आ गई। इस सवाल का भी जवाब ढूंढा जा रहा है कि क्या शिवसेना ने नतीजे आने के पहले ही बीजेपी से दूर जाने का मूड बना लिया था। शिवसेना के इस अड़ियल रवैये के पीछे क्या बीजेपी का व्यवहार जिम्मेदार था या फिर इस क्षेत्रीय दल की महत्वाकांक्षा?

आरएसएस सूत्रों के मुताबिक डॉ. कृष्णगोपाल की अध्यक्षता वाली समन्यव समिति महाराष्ट्र के चुनाव में शुरू से लेकर सरकार बनने और बिगड़ने तक की गतिविधियों की पड़ताल कर रही है। इसमें टिकट बंटवारे से लेकर शिवसेना के साथ बीजेपी नेताओं की बैठकों और उसमें लिए गए फैसलों आदि के बारे में विस्तृत पड़ताल चल रही है।

नागपुर के संघ मामलों के जानकार दिलीप देवधर का कहना है कि, "संघ की कमेटी ऐसे मामलों की बड़ी बारीक समीक्षा करती है। आगे होने वाली बैठकों में इस पर संघ और बीजेपी के नेताओं की बीच विस्तृत चर्चा होने की संभावना है।"


दिलीप देवधर के मुताबिक महाराष्ट्र में टिकट बंटवारे के दौरान इस बात को लेकर संघ नाराज हुआ था कि बाहर के लोगों को टिकट देने के चक्कर में अंदर के पुराने लोगों के टिकट काट दिए गए। डेढ़ दर्जन से अधिक विधायकों के टिकट काटे जाने पर इन विधायकों ने संघ से गुहार लगाई थी। हालांकि उस वक्त संघ ने बीजेपी के मामले में दखलंदाजी करने की जरूरत नहीं समझी थी। अमूमन संघ के अंदरखाने से बीजेपी के किसी निर्णय पर तब तक कोई सवाल नहीं उठते, जब तक कि उसके नतीजे बुरे न हों।

महाराष्ट्र के चुनाव में कई फैसलों से हुए नुकसान होने के बाद अब संघ ने इन मामलों की समीक्षा शुरू की है। संघ यह पता लगा रहा है कि सिटिंग एमएलए के टिकट देवेंद्र फडणवीस की सिफारिश पर कटे या फिर केंद्रीय नेतृत्व ने अपने स्तर से फैसला किया। संघ सूत्रों के मुताबिक अभी इस मामले की पड़ताल चल रही है। आगे जब संघ-बीजेपी की समन्वय बैठक जब होगी, तब इस मामले में तैयार रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा होगी।

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